नेपाल में शनिवार को आए जबर्दस्त भूचाल से भारत में मरने वालों की संख्या 72 पहुंच गयी है। भारत ने भूकंप प्रभावित नेपाल को मुसीबत की इस घड़ी में सहायता पहुंचाने के लिए राहत एवं बचाव प्रयास और तेज कर दिए हैं। सरकार ने राष्ट्रीय आपदा हेल्पलाइन 1078 शुरू की है। 5400 से अधिक भारतीयों को और अधिक विमानों तथा सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से वापस लाया गया है।

पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मुर्शिदाबाद जिलों में सोमवार को ताजा झटके महसूस किये गये।

सिक्किम में भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख गोपीनाथ साहा के अनुसार शाम 6:06 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया और इसका केंद्र नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में 26.7 अंश उत्तरी अक्षांश, 88.1 अंश पूर्वी देशांतर पर था।

रविवार को भी जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग और राज्य के अनेक हिस्सों में दोपहर को तथा रात को दो बार झटके महसूस किये गये थे जिससे लोगों में दहशत फैल गयी और वे घरों से बाहर आकर सड़कों पर जमा हो गये।

दिल्ली में गृह सचिव एल सी गोयल ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से 72 लोगों के मरने की खबर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राज्य में मृतक संख्या 57 बताई।

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मौजूद एनडीएमए के सदस्य-सचिव आर के जैन ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा हेल्पलाइन 1078 शुरू की गयी है ताकि लोग अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।

रविवार से नेपाल की राजधानी काठमांडो में डेरा डाले हुए एनडीआरएफ महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि उनके लोगों का एक दल फंसे हुए भारतीयों को विमान से निकालने में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को सहयोग करने के लिए त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी तैनात है।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य प्राथमिकता जितना बचाव अभियान हम चला सकते हैं, चलाना है। पिछली रात हमारे अभियानों में बाधा आयी क्योंकि लगातार वर्षा होती रही और भूकंप के बाद के झटके आते रहे। लेकिन सोमवार सुबह हमने पूर्ण अभियान शुरू किए क्योंकि सोमवार धूप खिली है और बारिश नहीं हुई।’’

अतिरिक्त सचिव बीके प्रसाद की अगुवाई वाली यह टीम नेपाल में फंसे भारतीयों की वापसी पर भी नजर रखेगी और नयी दिल्ली रिपोर्ट भेजेगी ताकि इस हिमालयी राष्ट्र को सहायता प्रदान करने की कोशिशें और तेज की जाए।