महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। एक के बाद एक नेता उनका साथ छोड़ जा रहे हैं। अब इस लिस्ट में नीलम गोरे का नाम भी जुड़ गया है जिन्होंने शिंदे गुट के साथ जाने का फैसला किया है। विधान परिषद के उपाध्यक्ष नीलम, उद्धव ठाकरे की एक मजबूत नेता मानी जाती हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन अब उनकी तरफ से ही उद्धव ठाकरे को बड़ा सियासी झटका दिया गया है।

नीलम गोरे उद्धव की करीबीं

नीलम गोरे कोई छोटी नेता नहीं हैं, उन्होंने शिवसेना के लिए कई सालों तक काम किया है। चुनाव में स्टार प्रचारक से लेकर पार्टी में ही कई पद संभालने तक, नीलम की राजनीति हमेशा सुर्खियों में रही है। पार्टी की एक भरोसेमंद प्रवक्ता के तौर पर भी उनकी पहचान बन चुकी है। मुद्दा कोई भी हो, पार्टी ने हर बार उन पर भरोसा जताया है।

नीलम को मिलेगा मंत्री पद?

वैसे राजनीति के साथ-साथ नीलीम गोरे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सहायक भी थीं, यानी कि पूर्व सीएम की राजनीति में उनका पूरा दखल था। लेकिन अब देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में नीलम ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। उन्हें शिंदे सरकार में कोई मंत्री पद या कुछ और दिया जाता है या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं।

कैसी रही नीलम की राजनीति?

नीलम गोरे वैसे राजनीति के अलावा एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी जानी जाती हैं। उन्होंने 1987 में ही सामाजिक कार्यकरता के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। कई सामाजिक आंदोलन का वे हिस्सा भी रहीं और उस काम के दौरान ही उनकी रुचि राजनीति में बढ़ी और उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया। बड़ी बात ये है कि नीलम तीसरी एमएली हैं जिन्होंने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ा है। उनके जाने से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है, वहीं अजित के आने से असमंजस की स्थिति में बैठे शिंदे गुट को बूस्टर मिला है।