प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 दिसंबर रविवार को गोवा में कई विकास परियोजनाओं का उद्धाटन किया। बता दें कि अगले साल की शुरुआत में गोवा विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में रविवार को पीएम मोदी द्वारा 600 करोड़ से अधिक विकास परियोजना की सौगात काफी अहम मानी जा रही है। इनमें गोवा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक, पुनर्निर्मित फोर्ट अगुआडा जेल संग्रहालय, न्यू साउथ गोवा जिला अस्पताल, गोवा में दावोरलिम, नावेलिम में गैस-इन्सुलेट सबस्टेशन और मोपा हवाई अड्डे पर विमानन कौशल विकास केंद्र सहित अन्य शामिल हैं।
बता दें कि 19 दिसंबर को गोवा में के पणजी पहुंचे प्रधानमंत्री ने ‘गोवा मुक्ति दिवस’ के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि, गोवा की धरती, हवा और समंदर को प्रकृति का अद्भुत वरदान मिला हुआ है। आज आप सभी का गोवा की धरती पर ये जोश, गोवा की हवाओं में मुक्ति के गौरव को और बढ़ा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज गोवा न केवल अपनी मुक्ति की डायमंड जुबली मना रहा है बल्कि 60 सालों की इस यात्रा की यादें भी हमारे सामने हैं। हमारे सामने गोवा को लेकर संघर्ष और बलिदानों की गाथा भी है। लाखों गोवा वासियों के परिश्रम और लगन के वो परिणाम हैं जिनकी वजह से हमने एक लंबी दूरी तय की है।
मनोहर पर्रिकर को किया याद: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिवंगत मनोहर पर्रिकर को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने ने गोवा को विकास की नई ऊंचाई तक पहुंचाया ही साथ ही गोवा की क्षमता का भी विस्तार किया। पीएम ने कहा कि गोवा के लोग कितने ईमानदार, प्रतिभावान और मेहनती होते हैं, देश गोवा के चरित्र को मनोहर जी के भीतर देखता था।
गोवा लिब्रेशन डे: गौरतलब है कि हर साल 19 दिसंबर को गोवा लिब्रेशन डे मनाया जाता है। इस दौरान गोवा में सरकारी तौर पर छुट्टी भी रहती है। दरअसल 1498 में वास्को डी गामा के भारत आने के 12 सालों के अंदर पुर्तगालियों ने इस छोटे भू-भाग पर अपना कब्जा जमा लिया था। गोवा को पुर्तगाली शासन 1510 से 451 सालों तक झेलना पड़ा। काफी संघर्षों के बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा पुर्तगालियों से आजाद हो पाया और भारत का हिस्सा बना।
वहीं भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, उसके 14 साल बाद भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। 1947 में अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के बाद, गोवा की मुक्ति के आह्वान ने फिर से जोर पकड़ लिया। उस वक्त स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कई आंदोलन किये जाने के बाद भारत ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से गोवा की मुक्ति के लिए शांतिपूर्ण प्रयास किए।
यहां तक कि भारत सरकार की तरफ से सशस्त्र बल भेजे जाने के बाद पुर्तगालियों ने आत्मसमर्पण कर दिया और 19 दिसंबर 1961 को गोवा को आजाद कर दिया गया।
गोवा ‘ऑपरेशन विजय’: गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा चलाये गए अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’ का नाम दिया गया।इस ऑपरेशन में मिली सफलता को लेकर हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। ऑपरेशन विजय में भारत की तीनों सेनाओं ने भाग लिया था।
बता दें कि 17 दिसंबर को पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए तत्कालीन भारत सरकार ने 30 हज़ार सैनिकों को ऑपरेशन विजय के अंतर्गत गोवा भेजने का फ़ैसला किया। इस ऑपरेशन में नौसेना और वायुसेना भी शामिल थी। भारत के आक्रामक रूख को देखते हुए 36 घंटे के भीतर पुर्तगाल ने कब्ज़ा छोड़ने का फ़ैसला कर लिया।
फिलहाल गोवा की आजादी के बाद गोवा, दमन और दीव का केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहे। वहीं 1967 में सवाल सामने आया कि इसे महाराष्ट्र में विलय करना चाहिए या नहीं। इसपर एक जनमत संग्रह कराया गया जिसमें गोवा के अधिकांश लोगों ने विलय के खिलाफ मतदान किया। जिसके बाद गोवा केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बना रहा। वहीं 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
ऐसे में पूरी दुनिया में पर्यटन स्थल के रूप अपनी पहचान बना चुका गोवा भारत का 25 वां राज्य बन गया, जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बने हुए हैं।