महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश की नालासोपारा सीट को नायक बनाम खलनायक की लड़ाई के रूप में पेश किया जा रहा है, जो उत्तरी मुंबई से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मजेदार बात यह है कि ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा और बहुजन विकास आघाडी (BVA) के मौजूदा विधायक क्षितिज ठाकुर एक-दूसरे को खलनायक बता रहे हैं।

प्रदीप शर्मा जब क्षितिज ठाकुर के बारे में बात करते हैं तो उन्हें अंडरवल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लैंडिंग एजेंट के रूप में पेश करते हैं। इसी तरह ठाकुर लखन भाईय एनकाउंटर केस का मामला उठाते हैं जिसमें शर्मा को गिरफ्तार किया गया। हालांकि इस एनकाउंटर के लिए निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था और राज्य ने उनके निर्दोष होने की अपील बोम्बे हाई कोर्ट में दाखिल दो अभी लंबित है। ऐसे ही कुछ आरोपों की गूंज दोनों तरफ से सुनाई दी।

शर्मा ‘क्लास 83’ (नासिक स्थित महाराष्ट्र पुलिस अकादमी में 1983 बैच के अफसरों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला टर्म) मेंबर हैं जिसमें दिवंगत विजय शंकर, प्रफुल्ल भोसले और रविंद्र आंग्रे जैसे ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ रहे। इन्हें महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी अरविंद इनामदार ने ट्रेनिंग दी। इसी बीच शर्मा को लोगों की पसंद के हीरो के रूप में देखा गया। एक बार टाइम मैगजीन में उन्हें ‘इंडियाज डर्टी हैरी’ कहा गया था। हालांकि ऐसा तब तक रहा जबकि उनपर भ्रष्टाचार, अंडरवर्ल्ड गिरोह के साथ रचे हुए एनकाउंटर के आरोप नहीं लगे।

शर्मा जिनके नाम 113 एनकाउंटर हैं दर्जनों कानूनी पचड़ों पर फंसे रहे हालांकि हर बार अपने पैरों पर खड़े हुए। साल 2008 में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। दरअसल खुफिया एजेंसी आईबी के नेतृत्व में हुई एक जांच में कथित तौर पर दाऊद इब्राहिम के गुर्गे छोटा शकील और उनके बीच टेलीफोन बातचीत को टैप किया था। मगर साल 2009 में महाराष्ट्र प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया।

साल 2010 में 58 वर्षीय शर्मा को अपराधी लखन भईया के कथित फर्जी एनकाउंटर के मामले में गिरफ्तार किया गया और उन्हें चार साल सलाखों के पीछे बिताने पड़े मगर सबूते के चलते एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। बाद में राज्य द्वारा उनकी रिहाई को बोम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस दौरान अपनी टीम के इकलौते ऐसे अधिकारी थे जो निर्दोष साबित हुए हालांकि टीम के 13 अन्य सदस्य मुठभेड़ मामले में दोषी साबित हुए और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

आखिरकार साल 2017 में शर्मा को फिर से सेवा में बहाल कर दिया और थाणे पुलिस में एंटी एक्सटॉर्शन का सीनियर बनाया गया। शर्मा के चार्ज संभालने के एक महीने के भीतर उन्होंने इकबाल कास्कर को गिरफ्तार कर लिया जो दाऊद इब्राहिम का छोटा भाई है। इससे उन्हें अपनी छवि सुधारने में काफी मदद मिली।

अपनी रिटारमेंट से 9 महीने पहले एसीपी की पोस्ट रिटायर होने वाले शर्मा का तकियाकलाम है, ‘दस फीसदी राजनीति और 90 फीसदी सामाजिक कार्य।’ उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मैं पिछले चार-पांच सालों से पीएस फाउंडेशन के साथ मिलकर सामाजिक कार्य कर रहा हूं जो भोजन और अन्य जरुरी चीजों से वंचित लोगों की मदद करती है।’