महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय डिप्टी सीएम बनाम डिप्टी सीएम की एक सियासी जंग छिड़ गई है। पूर्व मंत्री नवाब मलिक इस सयम अजित गुट में शामिल होना चाहते हैं। लेकिन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणीस इसके लिए राजी नहीं, उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि जिस तरह के आरोप उन पर लगे हुए हैं, गठबंधन में शामिल करने से सही मैसेज नहीं जाएगा।

क्यों हो रही तकरार?

देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा कि नवाब मलिक को गठबंधन का हिस्सा बनाना गलत रहेगा। उन पर जो आरोप लगे हैं, उस स्थिति में उनका गठबंधन के साथ जुड़ना सही नहीं है। सत्ता तो आती-जाती रहेगी, लेकिन ये देश महत्वपूर्ण है। डिप्टी सीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी नवाब मलिक से कोई निजी दुश्मनी नहीं है, वे विधान मंडल में जाकर अपना काम देख सकते हैं, वो उनका अधिकार है। लेकिन उन्हें गठबंधन में लेना उचित नहीं है।

क्या अजित मानेंगे सुझाव?

फडणवीस ने अपने पत्र में ये तक कहा गया है कि अगर नवाब मलिक पर लगे सभी आरोप गलत साबित होते हैं तो उस स्थिति में जरूर उनका गठबंधन में स्वागत किया जाएगा। अब अभी तक अजित पवार ने इस चिट्ठी का कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन इसे महाराष्ट्र की सियासत में एक नए विवाद के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल फरवरी से ही नवाब मलिक जेल में थे।

दो साल बाद सदन पहुंचे मलिक

अभी कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्हें जमानत दी गई। जमानत मिलते ही दो साल बाद वे विधान मंडल आए थे और कई नेताओं से उन्होंने मुलाकात भी की। इसके ऊपर उन्होंने पीछे बैठकर ये संकेत भी दे दिया कि वे अजित गुट के साथ हैं।