कुछ दिन पहले राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने 25 जुलाई को इसकी वजह बताई। इस्‍तीफे के एक सप्‍ताह बाद। इस दौरान वह मीडिया के सामने नहीं आए। उनकी पत्‍नी उनके बारे में बयान देती रहीं। सोमवार (25 जुलाई) को जब वह दस मिनट के लिए मीडिया से मुखातिब हुए भी तो केवल अपनी कही। पत्रकारों के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। न ही यह बताया कि भाजपा छोड़ी है या नहीं, आगे क्‍या करने वाले हैं? बस देशभक्ति और नैतिकता की दुहाई देकर इतना कहा कि उन्‍हें पंजाब से दूर रहने के लिए कहा गया था, इसलिए उन्‍होंने राज्‍यसभा से इस्‍तीफा दे दिया। लेकिन, उनका यह दावा सवालों के घेरे में आता है। इसकी वजह यह है कि राज्यसभा सांसद के तौर पर मनोनीत करने के बाद भाजपा ने उन्‍हें पंजाब की कोर कमेटी का सदस्‍य भी बनाया। कोर कमेटी में रहते हुए उन्‍हें पंजाब से कैसे दूर किया जा सकता था? सिद्धू ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इस बारे में कुछ नहीं कहा।

पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि सिद्धू ने राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देने की जो वजह बताई है, वह गलत है। उन्‍होंने लालच के लिए बीजेपी छोड़ी है और जल्‍द ही उनकी पोल खोल कर कथनी और करनी का अंतर लोगों के सामने लाया जाएगा। सिद्धू ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, “ये नफा-नुकसान की बात नहीं है दोस्त। ये पहली बार हुआ हो तो भी बर्दाश्त है। लेकिन ये तीसरी-चौथी बार हो रहा है।” उन्‍होंने अपनी जीत को भी असाधारण बताया। दावा किया कि पहली बार जब उन्‍हें चुनाव लड़ने का ऑफर मिला तो वह पाकिस्‍तान में कमेंट्री कर रहे थे। उन्‍होंने बीस दिन से भी कम में चुनाव लड़ा और एक लाख से ज्‍यादा वोट से जीता। लेकिन उन्‍होंने यह नहीं बताया कि उनकी तीसरी जीत का अंतर केवल 6700 वोट ही रह गया था। यही नहीं, अमृतसर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लगे। भाजपा को इस बार अमृतसर में उनका जीतना आसान नहीं लग रहा था।

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सिद्धू ने कहा कि पंजाब और अमृतसर का हित उनके लिए सबसे ऊपर है। उन्‍होंने कहा- कैसे छोड़ दे सिद्धू उनको, जिन्होंने हमें 4 बार जिताया। कोई पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं। श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कारण जब पंजाब जल रहा था, तो सिद्धू कहीं नहीं दिखे। वह कॉमेडी शो कर रहे थे। राज्‍य में दो बड़े आतंकी हमलों के दौरान भी उनकी आवाज सुनाई नहीं दी। दैनिक भास्‍कर की खबर के मुताबिक सिद्धू ने 25 जुलाई को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने से कुछ घंटे पहले ही दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से मुलाकात की थी। पर इस बारे में उन्‍होंने कोई बात नहीं की। यह पूछने पर भी कि क्‍या अब ”आप” में जाएंगे, सिद्धू ने सीधा जवाब नहीं दिया। कहा कि जहां पंजाब का हित होगा, आप मुझे वहां पाएंगे।

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