केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ समय पहले होने जा रहे राम मंदिर उद्घाटन को भुनाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती है। राम मंदिर का उद्घाटन अगले साल जनवरी में 22 तारीख को होना है। लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में विधानसभा का चुनाव भी होना है। इस चुनाव में बीजेपी राम मंदिर उद्घाटन का फायदा न ले पाए इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी के पुराने दोस्त नवीन पटनायक ने भी तैयारियां कर ली हैं।

दरअसल राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार अपने महत्वाकांक्षी मंदिर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने जा रही है। नवीन पटनायक के इस मंदिर प्रोजेक्ट का उद्घाटन राम मंदिर के उद्घाटन से 5 दिन पहले यानी 17 जनवरी को होने जा रहा है। यह मंदिर प्रोजेक्ट नवीन सरकार की उन पहलों की श्रृंखला में से पहला है जो राज्य सरकार पुरी को एक अंतरराष्ट्रीय विरासत शहर में बदलने के लिए कर रही है।

परिक्रमा प्रोजेक्ट के महत्व का अंदाजा इस फैक्ट से लगाया जा सकता है कि इसकी देखरेख सीएम नवीन पटनायक के विश्वासपात्र वीके पांडियन कर रहे थे। पांडियन अक्टूबर में IAS से इस्तीफा देने से पहले उनके निजी सचिव के रूप में काम कर रहे थे। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने 800 करोड़ रुपये खर्च कर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के चारों ओर 75 मीटर की दीवार खड़ी कर सौंदर्यीकरण का काम किया किया है। इसके तहत न सिर्फ मंदिर को सुरक्षा प्रदान की जाएगी बल्कि यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को आम सुविधाएं दी जाएंगी।

17 जनवरी को विशेष पूजा और हवन

नवीन पटनायक सरकार ने 3 नवंबर को पुरी के पूर्व शाही परिवार के वंशज और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष दिब्यसिंघा देब द्वारा समीक्षा के बाद गलियारे के उद्घाटन की तारीख की घोषणा की थी। दिब्यसिंघा देब ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा, “कई काम पूरे होने वाले हैं और यह 17 जनवरी को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। परियोजना के उद्घाटन से पहले एक विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाएगा।”

राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम की तरह भव्य आयोजन की तैयारी

जिस तरह RSS ने राम मंदिर के उद्घाटन के दिन पूरे भारत में जश्न मनाने की योजना बनाई है, उसी तह से पटनायक सरकार ने भी परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्लन किया है। सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यक्रम को ओडिशा से बाहर ले जाने की योजना है। परिक्रमा प्रोजेक्ट के उद्घाटन वाले दिन जगन्नाथ मंदिर के चार द्वारों पर वेदों का पाठ, एक बड़ा हवन और संकीर्तन आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

जगन्नाथ मंदिर के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर रंजन दास ने कहा कि परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन 15 जनवरी को पूजा और हवन के साथ शुरू होगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने वाले अतिथियों और धार्मिक नेताओं की लिस्ट को राज्य सरकार से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। जगह-जगह जगन्नाथ मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करने की भी प्लानिंग है।

क्या यह बीजेडी की सियासी चाल?

पुरी में जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट के अलावा नवीन पटनायक सरकार हर प्रसिद्ध मंदिर – जैसे कोणार्क में सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर, संबलपुर में समलेश्वरी मंदिर का सौंदर्यीकरण कर रही है। जिले से लेकर ग्राम स्तर तक मंदिरों के पुनर्विकास के लिए विशेष अनुदान स्वीकृत किया गया है।

सरकार से जुड़े लोगों की मानें तो मंदिर सौंदर्यीकरण के जरिए BD सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व और क्षेत्रीय गौरव के वर्जन को आगे बढ़ाकर BJP को राज्य में रोकना चाहती है। आपको बता दें कि नवीन पटनायक की BJD ने पिछला विधानसभा चुनाव आसानी से जीत लिया था लेकिन उसे संसदीय चुनावों में झटका लगा क्योंकि राज्य में बीजेपी ने 21 में से 8 सीटों पर बाजी मारी थी।

ओडिशा सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि ओडिशा पारंपरिक रूप से संस्कृति और विरासत की भूमि है, मंदिरों को विकसित करके, सरकार इन मंदिरों से जुड़ी ‘ओडिया अस्मिता’ के बारे में भी दावा कर सकती है। इस कदम को BJD सरकार के सॉफ्ट हिंदुत्व को आगे बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

इस बारे में बीजेपी के सीनियर लीडर पृथ्वीराज हरीचंद्रन कहते हैं कि बीजेडी राम मंदिर के अभिषेक से डरी हुई थी और इसीलिए वह इन सभी मंदिर पुनर्विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही थी। उन्होंने कहा कि बीजेडी खुद को सेक्युलर पार्टी बताती है, उसे 23 साल बाद हिंदुत्व की याद आई है। आपको बता दें कि पिछले साल बीजेपी की सांसद अपराजिता सारंगी ने संसद में हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के बारे में सवाल उठाया था।