उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के कोटे से मंत्री माणिक राव कोकाटे को उनके पद से हटा दिया गया है। ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर दबाव बढ़ गया है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में उनकी सरकार के कई मंत्रियों को लेकर ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर महायुति सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विपक्ष के जोरदार हमलों का सामना करना पड़ा है।
हाल ही में तीन दशक पुराने हाउसिंग स्कैम के मामले में अदालत ने कोकाटे की सजा को बरकरार रखा था और इसके बाद माणिक राव को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अजित पवार ने उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस कोकाटे पर क्या कार्रवाई करेंगे, इसे लेकर भी सवाल सामने है।
इस घटनाक्रम से राज्य में सरकार चला रहे महायुति गठबंधन में भी राजनीतिक उथल-पुथल मच सकती है।
रमी खेलते नजर आए थे कोकाटे
इस साल की शुरुआत में माणिकराव कोकाटे का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह विधानसभा में रमी खेलते नजर आए थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद फड़नवीस ने कहा था कि हम किसी भी तरह के विवाद को बढ़ावा देने वाली कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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संजय शिरसाट का वीडियो हुआ था वायरल
इस घटना के बाद दो और घटनाएं हुई हैं जिसमें महायुति सरकार को विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ा है। पहली घटना में एक वीडियो सामने आया था जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय शिरसाट अंडरवियर में सिगरेट पीते हुए दिखाई दिए थे। ऐसा लग रहा था वह एक होटल के कमरे में बैठे हैं और उनके बगल में नगदी से भरा हुआ एक बैग रखा हुआ है।
शिरसाट ने दावा किया था कि उनके बैग में कपड़े थे, नकदी नहीं लेकिन वीडियो में कुछ नोटों के बंडल दिखाई दिए थे। इससे ठीक एक दिन पहले उन्हें आय से ज्यादा संपत्ति को लेकर टैक्स का नोटिस मिला था।
योगेश कदम पर लगे थे आरोप
इसके कुछ दिन बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री योगेश कदम पर इस बात का आरोप लगा था कि रत्नागिरी जिले में अवैध रेत खनन और कांदिवली में डांस बार से जुड़े लोगों के साथ उनके संबंध हैं। योगेश कदम ने इस तरह के आरोपों को नकार दिया था लेकिन विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग की थी।
इन विवादों के बाद भी संजय शिरसाट और योगेश कदम की सरकार में मंत्री बने हुए हैं। इसके अलावा एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता और फड़नवीस सरकार में मंत्री दादा भूसे को लेकर भी विवाद हो चुका है।
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भर्तियों में गड़बड़ियों का आरोप
भूसे के विभाग में हुई भर्तियों में गड़बड़ियों का आरोप लगा था। इसके अलावा एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को लेकर भी अच्छा-खासा हंगामा हो चुका है। इस साल की शुरुआत में हत्या के एक मामले में नाम आने के बाद धनंजय मुंडे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यह मामला धनंजय मुंडे के एक सहयोगी का नाम भीड़ में सरपंच में हुई हत्या के मामले में आया था।
शिरसाट और योगेश कदम के मामले में तो फड़नवीस सरकार ने विपक्ष के हमलों का जवाब दे दिया था लेकिन माणिक राव के दोषी साबित होने के बाद अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर उन पर कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ गया है।
देखना होगा कि फड़नवीस सरकार क्या फैसला लेती है?
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