जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा के 26 दिन बाद भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती अभी सरकार की नजरबंदी में हैं। सूत्रों का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को करीब एक महीने बाद उनके परिवार से मिलने की इजाजत दी गई।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार उमर अब्दुल्ला का परिवार उनसे दो बार मिल चुका है। उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर के हरिनिवास में नजरबंद किया गया है। खबर के अनुसार सूत्रों ने बताया की नजरबंदी में उमर की दाढ़ी बढ़ गई है। उमर की बहन साफिया और उनके बच्चों को शनिवार को उनसे मिलने की अनुमति दी गई।
सूत्रों का कहना है कि महबूबा मुफ्ती की मां और उनकी बहने को बृहस्पतिवार को मिलने की इजाजत दी गई थी। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को चश्मेशाही में रखा गया है। पर्यटन विभाग की इस संपत्ति कोअब सब-जेल के रूप में घोषित कर दिया गया है। खबर है कि साफिया और उनकी आंटी कई बार जिला उपायुक्त के पास उमर से मिलने की अनुमति के लिए पहुंची थीं।
आखिरकार उन लोगों को मंगलवार को मिलने की अनुमति दे दी गई। इससे पहले 12 अगस्त को उन्होंने ईद के मौके पर उमर से बात की थी। उमर अब्दुल्ला के पिता और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके फारूक अब्दुल्ला को भी हाउस अरेस्ट किया गया है। उन्हें टेलीफोन की सुविधा से भी वंचित रखा गया है। खबर के अनुसार सूत्रों ने बताया कि न तो उमर अब्दुला और ना ही महबूबा मुफ्ती को न्यूज चैनल देखने की अनुमति नहीं है।
हालांकि, अधिकारियों ने उन्हें देखने के लिए पुरानी फिल्मों की डीवीडी उपलब्ध कराई है। खबर है कि 49 वर्षीय राजनेता अपने किंडल टेबलेट पर किताबें पढ़ रहे हैं। वह रोजाना कथित रूप से अपशकुनी माने जाने वाले हरि निवास के परिसर में वॉक पर निकलते हैं। हरि निवास के बारे में कहा जाता है कि महाराजा हरि सिंह इस जगह पर महल निर्माण के पक्ष में नहीं थे। इस महल में रहने का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया।
कहा जाता है कि इस महल में शिफ्ट होने के बाद ही गुलाम नबी आजाद को भी इस्तीपा देना पड़ा था। अपनी सरकार को भले ही प्रशासन राज्य में स्थिति के सामान्य होने की बात कह रहा हो लेकिन इन राजनेताओं को जल्द रिहा करने के अभी कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।