J&K National Conference: साल 2019 के पुलवामा हमले (Pulwama Attack) को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता मुस्तफा कमाल (Mustafa Kamal) ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने इस हमले के लिए ना सिर्फ भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, बल्कि इस बात को लेकर भी आशंका जताई कि हमले में शहीद जवान दलित हैं। उन्होंने इस हमले की जांच की मांग करते हुए कहा कि जब तक यह साफ नहीं होता कि हमला किसने किया तब तक सारी उंगलियां भारत सरकार पर जा रही हैं।
किया दावा- मरने वाले सभी दलित
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये बात अब स्पष्ट हो गई है कि वो सरकार का एक प्लान था। उन्होंने कहा, “उनकी (शहीद जवानों) एक तस्वीरें भी नहीं देखी और ना ही उनकी लाशें देखीं और ये बात स्पष्ट हो गई है कि जितने भी वो 30-40 लोग मरे वो सभी दलित थे। ये आम राय है कि उसमें उग्रवाद शामिल नहीं है और ये अंदरूनी मामला है। ऐसी चीजें होना बदकिस्तमी हैं। जो हमारी फौज है, वो पांचवीं सबसे बड़ी फौज है। उनके पास ईमानदार सिपाहियों और अफसरों की कमी नहीं हैं।”
मुस्तफा कमाल ने की पुलवामा हमले की जांच की मांग
मुस्तफा कमाल ने पुलवामा हमले की जांच की मांग करते हुए कहा, “40 सिपाहियों को ऐसे मारा जाए, वो भी ऐसी जगह जहां दूर-दूर तक कोई गांव भी नहीं, छिपने की जगह भी नहीं थी। कोई जंगल होता, गांव या बस्ती होती तो गली-कोचों से गुजरकर जान बचा लेता कोई। वहां सिर्फ खेत थे, जहां देखा जा सकता था कि कौन कहां से आया कहां गया।
दिल्ली दरबार में बैठे लोग कर रहे फैसला
उन्होंने आगे कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि कातिल किसको मानें तब तक उंगली एक नहीं 5 की 5 भारत सरकार की एजेंसी पर जा रही हैं। कोई एजेंसी खुद कोई फैसला नहीं करती है, दिल्ली दरबार में बैठकर लोग फैसला करते हैं। ये बदकिस्मती है और अभी भी उसी राह पर चल रहे हैं। ये नहीं होना चाहिए था।
तीन साल पहले हुआ था पुलवामा हमला
बता दें कि 14 जनवरी, 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया था, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। यह हमला पुलवामा जिले के आवंतिपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी पाक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके जवाब में भारत ने 26 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और जैश के आतंकियों को ढेर कर दिया था।