राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सैय्यद गयारूल हसन रिजवी ने कहा कि खेल में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वालों को वहीं चले जाना चाहिए, या बेहतर होगा कि उन्हें भेज दिया जाए। उन्होंने यह बयान मंगलवार को मेरठ में हुई एक इफ्तार पार्टी के दौरान दिया। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, “मुझसे ऐसे लोगों के बारे में पूछा गया था जिन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया। मैने कहा ये ऐसे लोग हैं जिनका दिल और दिमाग असल में पाकिस्तान में है। बस उनका शरीर यहां पर है। इसलिए उन्हें वहीं चले जाना चाहिए। या बेहतर होगा उन्हें सरदह पार छोड़कर आया जाए।”
रिजवी की यह टिप्पणी उन रिपोर्ट्स के जवाब में थी जिसमें बताया गया कि कश्मीर के कई इलाकों में भारत को हराकर फाइनल जीतने वाली पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया गया। मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मध्यप्रदेश से 15 और कर्नाटक से दो लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये लोग पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आतिशबाजी कर पाकिस्तान के समर्थन और भारत के खिलाफ नारे लगाने के आरोप में एक समुदाय के 15 युवकों को गिरफ्तार किया गया था। शाहपुर थाने के प्रभारी संजय पाठक ने बताया कि रविवार रात चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में पाकिस्तान की जीत पर मोहद गांव के एक विशेष समुदाय के लोगों ने जश्न मनाया। पाठक के मुताबिक, “सुभाष कोली ने सोमवार को गांव में पाक की जीत पर देश विरोधी नारे लगाने की शिकायत की। शिकायत के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ धारा 120बी (साजिश) और 124ए (देश विरोधी गतिविधि) के तहत मामला दर्ज किया गया। इन सभी को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है।”
इससे पहले कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने पाकिस्तान को जीत के लिए बधाई दी थी, वहीं मीरवाइज उमर फारूक ने ट्वीट कर लिखा था, “चारो और आतिशबाजी है। ऐसा लग रहा है ईद आ गई हो। बेहतर टीम ने जीत दर्ज की। पाकिस्तानी टीम को बधाई।”