दुनियाभर में भारत को पहचान दिलाने का प्रधानमंत्री के अकेले श्रेय लेने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी की ‘‘अस्वस्थ मानसिकता राष्ट्रीय चिंता का विषय है।’’
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आश्चर्यजनक दावा कर रहे हैं कि 16 मई से पहले (जब उन्होंने कार्यभार संभाला) भारत की दुनिया भर में कोई पहचान नहीं थी। इस तरीके से भावनाओं में बह जाना अस्वस्थ मानसिकता का संकेत है।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे करके मोदी पंडित नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व नेताओं से बातचीत में पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्री अधिक शालीन और सुसंस्कृत थे। उन्होंने कहा कि मोदी ने एक रेडियो कार्यक्रम के दौरान अधिक कौशल से काम नहीं किया जब उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति का पहला नाम ‘‘बराक’’ 23 बार लिया।
उन्होंने कहा कि अपने सम्मान में आयोजित भोज के दौरान ओबामा ने कहा कि अपनी सीधी वार्ता में मोदी ने उन्हें बताया कि कैसे उन्होंने चाय बेचनेवाले के तौर पर अपने जीवन का सफर शुरू किया, कैसे वह सिर्फ तीन घंटे सोते हैं और कैसे वह घड़ियाल से लड़े थे।
राज्यसभा में उपनेता शर्मा ने एक टिप्पणी में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री वास्तव में पद को गौरवान्वित नहीं कर रहे थे। मेरी समझ से इस शैली से राष्ट्रीय शर्मिंदगी पैदा होती है।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘‘वैश्विक तौर पर मजाक बना है’’ क्योंकि उनका ‘‘मैं और मेरा वाला रुख न सिर्फ उनकी आस्तीन से बल्कि उनके सूट से भी झलकता है। यह अहंकार है। यह अस्वस्थ मानसिकता राष्ट्रीय चिंता का विषय है।’’
शर्मा इस बात को लेकर भी सख्त दिखे जब उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह दिखाने की ‘सनक’ है कि उनके पास सारा प्राधिकार और शक्ति है और उनके पास वरिष्ठ वैज्ञानिकों और नौकरशाहों को अपमानित करने का ‘‘अधिकार’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह एकमात्र नसीबवाले और शेष 125 करोड़ लोग बदनसीब हैं यह सोच चिंता का विषय है।’’ उन्होंने विदेश सचिव और वित्त सचिव को उनका निर्धारित कार्यकाल होने के बावजूद हटाने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के निदेशक अविनाश चंदर को प्रधानमंत्री ने जिस तरीके से अचानक हटाया वह खेदजनक है। चंदर का अग्नि मिसाइल के सफल विकास में योगदान था। उन्होंने कहा कि यह भारत के ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न प्रदान करने और उन्हें राष्ट्रपति बनाने के सरासर विपरीत है।