प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर में रविदास मंदिर की नींव रख दी है। 100 करोड़ में बनने वाले इस मंदिर के धार्मिक के साथ-साथ सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। ये मध्य प्रदेश का पीएम मोदी का दूसरा दौरा है, चुनावी मौसम है, ऐसे में ज्यादा चर्चा चल रही है। इस मौके पर उनकी तरफ से जनता को संत रविदास के सिद्धांत के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा उन्होंने अपनी सरकार के विजन को भी सामने रखा और जोर देकर कहा कि सभी को साथ मिलकर भारत को विकसित देश बनाना होगा।

पीएम ने बताए संत रविदास के सिद्धांत

पीएम मोदी ने कहा कि इतने लंबे कालखंड में समाज में कुछ बुराई आना स्वभाविक है। ये भारतीय समाज की शक्ति है कि इन बुराइयों को दूर करने वाला, समय समय पर कोई महापुरुष इसी समाज से निकलता रहा है। रविदास जी ऐसे ही महान संत थे। उन्होंने उस कालखंड में जन्म लिया था जब देश पर मुगलों का शासन था। समाज अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उस समय भी रवि दास जी समाज को जागृत कर रहे थे, जगा रहे थे। वो उसे उसकी बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे। उन्होंने कहा था कि सब लोग जात पात के फेर में उलझे है, ये बीमारी मानवता को खा रही है।

गुलामी की मानसिकता से मुक्ति जरूरी- मोदी

कार्यक्रम में पीएम ने आगे कहा कि जब हमारी आस्था पर हमले हो रहे थे, हमारी पहचान छिपाने के लिए पाबंदिया लगाई जा रही थीं, उस समय मुगलों के कालखंड में रवि दास जी ने राष्ट्रभक्ति दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि पराधीनता सबसे बड़ा पाप है। जो लड़ता नहीं है उससे कोई प्रेम नहीं करता है। उन्होंने एक तरह से समाज को अत्याचार के खिलाफ लड़ने का हौसला दिया था। इसी भावना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंद वीर समाज की नींव रखी थी। इसी भावना ने आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई थी। आज इसी भावना को लेकर भारत गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने के लिए आगे बढ़ रहा है।

कोरोना काल को किया याद

इसके बाद पीएम मोदी ने कोरोना काल को भी याद किया और वे कुछ भावुक भी नजर आए। उन्होंने कहा कि हम देश को गरीबी, भूख से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना की इतनी बड़ी महामारी आई, पूरी दुनिया की व्यवस्था चरमरा गई, सबकुछ ठप पड़ गया, भारत के गरीब तबके के लिए, दलित आदिवासी के लिए सभी आशंका जाहिर कर रहे थे। कहा जा रहा था कि 100 साल बाद इतनी बड़ी आपदा आई है। समाज का एक तबका कैसे रह पाएगा, मैं अपने गरीब भाई बहन को खाली पेट नहीं सोने दूंगा। दोस्तों मैं भली भाति जानता हूं कि भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है। में जानता हूं कि गरीब का स्वाभिमान क्या होता है। मैं तो आपके ही परिवार का सदस्य हूं, आपका सुख-दुख समझने के लिए मुझे किताबें नहीं ढूढनी नहीं पड़ती। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया, आज इन्हीं प्रयासों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है।

भारत का आगे का विजन

साथियों आज देश गरीब कल्याण की जितनी भी योजना चला रहा है, उसका सबसे बड़ा असर गरीब, दलित पर पड़ा है। आपको पता है कि पहले की सरकारों के समय जो योजनाएं आती थीं, वो चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं। लेकिन हमारी सोच है कि जीवन के हर पड़ाव पर देश दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, महिलाएं, इन सभी के साथ खड़े हो, उनके सपनों को सहारा दे। आज हम देश के सात करोड़ भाई बहनों को अनीमिया से मुक्ति देने के लिए अभियान चला रहे हैं। 2025 तक देश को टीवी मुक्त बनाने के लिए काम हो रहा है, कालाजार और दिमागी बुखार का प्रकोप धीरे धीरे कम हो रहा है। इन बीमारियों से सबसे ज्यादा दलित, वंचित, गरीब परिवार, वहीं इसका शिकार होते थे।

इसी तरह इलाज के लिए अगर जरूरत होती है, तो आयुष्मान भारत के जरिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था कर दी गई है। पांच लाख रुपये तक का कोई बिल आएगा, तो आपका ये बेटा वो काम कर देता है। आपके बच्चों के लिए अच्छे स्कूलों की व्यवस्था देने पर जोर दिया जा रहा है। हमने स्टैंड अप योजना भी शुरू की थी, एसी एसटी समाज को आठ हजार करोड़ की सहायता मिली थी।