नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित समूह-20 की बैठक में कालाधन के खिलाफ वैश्विक सहयोग को ‘‘मुख्य मुद्दे’’ के रूप में उठाएंगे। मोदी कल ऑस्ट्रेलिया सहित तीन देशों की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।
भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को गति देने के लिए मोदी कल से तीन देशों –म्यांमा, ऑस्ट्रेलिया और फिजी की 10 दिवसीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वह कुछ महत्वपूर्ण बहु-स्तरीय और द्विपक्षीय शिखर बैठकों में हिस्सा लेंगे। इन बैठकों में भारत की ओर से ‘‘रोजगार सृजन’’ करने वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उपाय करने पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
अपनी विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने आज जारी बयान में कहा, ‘‘मेरे लिए एक मुख्य मुद्दा होगा कालाधन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को उजागर करना।’’
मोदी ने कहा कि वह म्यांमा में होने वाली आसियान-भारत और पूर्व एशिया शिखर बैठकों तथा ब्रिस्बेन में होने वाली समूह-20 की शिखर बैठक तथा ऑस्ट्रेलिया और फिजी में द्विपक्षीय बैठकों के दौरान 40 से अधिक देशों के नेताओं से मिलेंगे। इनमें एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र के देश शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में वह 15 नवंबर को विश्व की सबसे विकसित और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह-20 की वार्षिक शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष टोनी एबट से अलग से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
मोदी 1986 के बाद ऑस्ट्रेलिया जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी वहां गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री 19 नवंबर को एक दिन की फिजी यात्रा पर जाएंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की फिजी यात्रा 33 साल बाद होगी। इससे पूर्व 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वहां गईं थीं।
प्रधानमंत्री की इस 10 दिवसीय यात्रा की शुरुआत म्यांमा से होगी जहां वह आसियान-भारत शिखर बैठक और पूर्वी एशिया शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। म्यांमा की राजधानी ने-पी-ता में 12 से 13 नवंबर को ये बैठकें होंगी।
ऑस्ट्रेलिया में 15 नवंबर को समूह-20 की बैठक में शिरकत करने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए 16 से 18 नवंबर तक सिडनी, कैनबरा और मेलबर्न जैसे वहां के मशहूर शहरों में जाएंगे।
मोदी एबट से वार्ता करने के अलावा केनबरा में ऑस्ट्रेलिया की संघीय संसद को संबोधित करेंगे। सितंबर में एबट की भारत यात्रा के बाद मोदी की उनसे दूसरी मुलाकात होगी।
एबट ने मोदी के सम्मान में दुनिया के मशहूर और 161 साल पुराने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में स्वागत समारोह का आयोजन किया है। इसके अलावा मोदी सिडनी के ओलंपिक पार्क में आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय से भी मुखातिब होंगे।
उन्होंने हाल ही में ट्वीट के जरिए कहा था, ‘‘मेरी ऑस्ट्रेलिया यात्रा विशेष और ऐतिहासिक होगी। पिछले 28 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।’’
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वाधवा ने मोदी की यात्रा के बारे में आज कहा कि प्रधानमंत्री की यह ‘‘ऐतिहासिक यात्रा’’ होगी और इसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया से संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
प्रधानमंत्री सीमा पारीय कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की भी अपील कर सकते हैं। विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने के सरकार के प्रयासों के तहत इसे अहम माना जा रहा है।