धर्मांतरण और पुनर्धर्मांतरण के मुद्दे पर उठे विवाद के बाद सरकार ने देश भर में अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करने के इरादे से इस समुदाय से संबंधित केंद्र की योजनाओं की जमीनी स्तर पर समीक्षा करने का मिशन शुरू किया है। इस मिशन इमपावरमेंट के तहत अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तीन जनवरी को कोच्चि जाएंगे और अल्पसंख्यकों के लिए बनी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में जमीनी स्तर पर समीक्षा करेंगे।
इस मिशन के तहत सरकार ने देश भर में अल्पसंख्यकों का सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तीकरण तय करने का लक्ष्य रखा है। हिंदुत्व समर्थक संगठनों के उठाए गए घर वापसी के मुद्दे को लेकर बने विवाद के माहौल के बीच सरकार अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करना चाहती है। नकवी ने हालांकि कहा कि इस मिशन का कोई राजनीतिक एजंडा नहीं है। इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों को और सशक्त बनाना है। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं और तय करेंगे कि अल्पसंख्यकों की योजनाएं उन तक पहुंचे।
अल्पसंख्यक राज्य मंत्री के संसद के बजट सत्र से पहले कई राज्यों का दौरा करने की संभावना है। इस मिशन के जरिए वे तय करने का प्रयास करेंगे कि अल्पसंख्यकों की योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जाए। सरकार के सूत्रों ने बताया कि ऐसे 100 जिलों की पहचान की गई है, जहां अल्पसंख्यकों की योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्तर पर समीक्षा की जाएगी। इस बारे में केंद्र कई राज्य सरकारों के साथ पहले ही चर्चा कर चुका है।
नकवी के मुताबिक केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों के साथ पहले ही सकारात्मक चर्चाएं हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्यों ने भी ऐसी योजनाओं को लागू करने के बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। अल्पसंख्यक राज्य मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के सामने यह चुनौती है कि अल्पसंख्यक संबंधी योजनाओं का उचित क्रियान्वयन हो और सही लाभार्थियों को इनका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं शुरू की गर्इं। लेकिन उनका क्रियान्वयन अच्छे से नहीं हुआ। कई राज्यों में अल्पसंख्यकों की योजनाओं का क्रियान्वयन संतोषजनक नहीं है।