राज्यों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर प्राेजेक्ट्स, हॉस्पिटल्स, शैक्षणिक संस्थाओं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन पाने के लिए प्रतिस्पर्धा हो सकती है। केन्द्र सरकार इसके लिए बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार कर रही है। कैबिनेट सचिवालय के एक संदेश के मुताबिक, एनडीए सरकार ”सेलेक्शन ऑफ लोकेशन” के लिए स्विस चैलेंज मेथड अपनाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत भविष्य के आईआईटी, आईआईएम, पोतों, रिफाइनरियों, एलएनजी टर्मिनल्स और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के साथ-साथ फिल्म फेस्टिवल्स, राष्ट्रीय खेलों और प्रवासी भारतीय दिवस जैसे कार्यकमों के लिए जगह का चुनाव किया जाएगा। मुद्दे के आधार पर, राज्यों में जमीन की उपलब्धता, वित्तीय छूट की सीमा, कनेक्टिविटी, सुविधाओं के प्रावधान, तेज क्लियरेंस और रोजगार की संख्या पर मुकाबला करना पड़ सकता है। हर पैमाने के लिए अलग वेटेज तय किया जाएगा ताकि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके। सबसे अधिक स्कोर वाले राज्य को वह प्राजेक्ट, संस्था या कार्यक्रम दिया जाएगा। पत्र में कहा गया है, ”चैलेंज मेथड का मूल उद्देश्य एक पारदर्शी, वस्तुनिष्ठ और योग्यता के आधार पर निर्णय लेने की प्रक्रिया बनाना है, जिसे विभिन्न सेक्टर्स के लिए साइट सेलेक्शन में इस्तेमाल किया जा सकताहै। इससे राज्यों के बीच में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और सबसे अच्छी लोकेशंस पर इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, वित्तीय सहायता भी मिलेगी।”
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हर विभाग को कहा गया है कि वे उनके तहत आने वाले प्रोजेक्ट्स, संस्थाओं और कार्यक्रमों की लिस्ट दें जिनमें सूचक पैमाने पर और उनका संभावित वेटेज दिया गया हो। यह लिस्ट इस महीने के आखिर तक कैबिनेट सचिवालय को भेजी जानी है। इसके बाद बनी लिस्ट को सार्वजनिक किया जाएगा और बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्यों का मूल प्रस्ताव सार्वजनिक किया जाएगा ताकि प्रतिद्वंदी राज्य बेहतर प्रस्ताव तैयार कर दे सकें।
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स्विस चैलेंज मेथड के तहत, अगर किसी तीसरे की बोली ज्यादा अच्छी है तो पहले वाले को नई बोली लगाने को कहा जाता है। अगर पहला बेहतर प्रस्ताव के साथ आता है तो उसे प्रोजेक्ट मिलता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो सबसे अच्छी बोली को प्रोजेक्ट दे दिया जाता है।