अनीषा दत्ता
मोदी सरकार ‘विकास में बौद्धिक विरासत’ परियोजना लाने पर काम कर रही है। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय एक संवाद, डॉक्यूमेंटेशन और रिसर्च प्रोग्राम आयोजित करेगा। इनमें राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों का पुनरुद्धार, जलियांवाला बाग स्मारक में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि, जीएसटी जैसी आर्थिक नीतियों से लेकर राष्ट्रीय शिक्षा मिशन तक जैसे विषय शामिल होंगे।
इसके अलावा डिजिटल मिशन और खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए खास आईडी और भारत के आदिवासी समुदाय के नायकों और उनका इतिहास, जैसे विषय भी शामिल हैं। बता दें कि ये कुछ प्रमुख ऐसे विषय हैं जिनके इर्द-गिर्द केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय विकास में बौद्धिक विरासत तक प्रोजेक्ट लाने की योजना में है।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार की पहल पर इन विषयों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय एक संवाद, डॉक्यूमेंटेशन और अनुसंधान कार्यक्रम की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि इस योजना की रूपरेखा 28 जून को एक पत्र में रखी गई थी। जिसे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया था।
धर्मेंद्र प्रधान ने पत्र में लिखा कि हम इस तरह की पहल के आधार पर विकास, ज्ञान संसाधन और न्यू इंडिया बनाने में एक ‘बौद्धिक विरासत’ योजना बनाने का प्रस्ताव करते हैं। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की इन पहलों के आधार पर कुछ विषयों को चिन्हित किया गया है। पत्र में बताया गया है कि जुलाई 2022 के पहले सप्ताह से शुरू होकर यह अगले 3 महीनों तक चलेगा। जिसमें कई अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में इन विषयों पर डॉक्यूमेंटेशन, संवाद, अनुसंधान और प्रकाशन की योजना बनाई जाएगी।
पत्र के अनुसार, इन तीन महीनों के दौरान देशभर में 100 विषयों पर लगभग 100 सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। जहां मंत्रालयों या अन्य जगहों पर उपलब्ध सेकेंडरी डेटा और सोर्स के आधार पर तैयार किए गए रिसर्च पेपर रखे जाएंगे। प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों के शोधकर्ता इन पत्रों में योगदान देंगे, जो अंततः एक पुस्तक में प्रकाशित होंगे।
शिक्षा मंत्रालय के जिन पहलों पर फोकस किया जाएगा उनमें समग्र शिक्षा (राष्ट्रीय शिक्षा मिशन), निपण भारत/राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS), उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पहल समग्र उन्नति (NISHTHA), श्रेयस, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) और PM-eVidya योजनाएं शामिल हैं।
वहीं खेल के क्षेत्र में फिट इंडिया और स्पॉट स्कॉलरशिप जैसे खेल मंत्रालय के कार्यक्रमों पर भी फोकस होगा। पत्र में कहा गया है कि सामाजिक न्याय मंत्रालय को दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए यूडीआईडी (विकलांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट आईडी) और जनजातीय मामलों के मंत्रालय को नायकों, उनके इतिहास के माध्यम से जनजातीय गौरव, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और छात्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाये।
पत्र में धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा है, “ये सम्मेलन उच्च शिक्षा संस्थानों में आयोजित किए जाएंगे। जहां अच्छे स्वभाव के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों / विशेषज्ञों / चिकित्सकों की भागीदारी अपेक्षित है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया अपने मंत्रालय से जुड़े विषयों को पढ़ने और उन्हें संशोधित या फिर हटाने की पहल करें।”
पत्र में धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा है, “मैं आपसे यह भी अनुरोध करूंगा कि कृपया इस शैक्षणिक गतिविधि का समर्थन करने पर विचार करें, क्योंकि शोध का जो परिणाम होगा उसे आपके मंत्रालय में उपयोग के लिए आपको दिया जाएगा।”