केंद्र सरकार ने हाल ही में कैबिनेट विस्तार से पहले एक साथ आठ राज्यपालों को बदलने का फैसला किया। इसके ऐलान के साथ सरकार ने मंगलवार को एक ब्रीफ नोट भी जारी किया, जिसमें गवर्नरों की नियुक्ति और उनके कार्यकाल से जुड़े कुछ अहम आंकड़े शेयर किए गए। इसमें कहा गया है कि 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार के कार्यकाल में आठ महिला राज्यपाल और उपराज्यपालों की नियुक्ति हो चुकी है, जो कि पिछली किसी भी सरकार में इस पद पर महिलाओं को मिला सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है।

मोदी सरकार में कहां-कहां बनीं महिला राज्यपाल?: 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से अब तक जिन महिला नेताओं को राज्यपाल बनाया गया है, उनमें मृदुला सिन्हा (गोवा की पूर्व राज्यपाल), द्रौपदी मुर्मू (झारखंड की पूर्व राज्यपाल), नजमा हेपतुल्ला (मणिपुर की पूर्व गवर्नर), आनंदीबेन पटेल (यूपी की गवर्नर), बेबी रानी मौर्या (उत्तराखंड की राज्यपाल), अनसुइया उइके (छत्तीसगढ़ की राज्यपाल), तमिलसाई सौंदर्यराजन (तेलंगाना की गवर्नर) और किरण बेदी (पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल) शामिल हैं। यानी मोदी के सात सालों के कार्यकाल में आठ महिला राज्यपालों की नियुक्ति की जा चुकी है।

पहले किन सरकारों में कितनी राज्यपाल की गईं नियुक्त: सरकार की ओर से जारी ब्रीफ नोट में कहा गया है कि गवर्नर के पद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने 10 सालों में छह महिलाओं को नियुक्ति दी थी। इसके बाद दूसरा नंबर जवाहरलाल नेहरु और राजीव गांधी का आता है, जिनके कार्यकाल में तीन-तीन महिला राज्यपाल बनाई गई थीं।

लिस्ट में जिन अन्य प्रधानमंत्रियों के नाम हैं, उनमें मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव के छोटे कार्यकाल में दो-दो महिला राज्यपाल नियुक्त करने की बात बताई गई है। इसके अलावा वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आईके गुजराल और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों में एक-एक महिला राज्यपाल की नियुक्ति हुई थी।

मोदी सरकार ने इस बार चार नए गवर्नर नियुक्ति किए, इनमें महिला नहीं: केंद्र सरकार ने इस बार 8 राज्यपालों को बदला है। लेकिन इनमें से चार का ट्रांसफर किया गया, जबकि चार ही नए नेता राज्यपाल बने। जिन नए नेताओं को यह पद सौंपा गया, उनमें मोदी सरकार में सामाजिक एवं सहकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत का नाम शामिल है। इसके अलावा गुजरात विधानभा के पूर्व सभापति मंगूभाई छगनभाई पटेल। भाजपा के पूर्व महासचिव राजेंद्र विश्वनाथ आरलेकर और जेपी आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे हरिबाबू कंभमपति शामिल रहे।