प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के साथ मंगलवार को बैठक की। पार्टी सांसदों को फोन पर कम बात करने और समय बचाने का संदेश देते हुए पीएम मोदी ने ‘मजबूरी में प्रधानमंत्री बनने’ की बात कही। प्रधानमंत्री ने सांसदों से ‘राष्ट्रीयता’ के खेल से बाज आने और ‘विभाजनकारी ताकतों’ के जाल में न फंसने की हिदायत दी। सामाजिक समरसता और एकता के प्रतीक के तौर पर स्वतंत्रता दिवस से शुरू होने वाले पार्टी की ‘तिरंंगा यात्रा’ के बारे में बात करते हुए मोदी ने सांसदों से कहा कि इसे लोगों का कार्यक्रम बनाया जाए। भाजपा के संसदीय पार्टी बैठक में प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए एक सूत्र ने बताया, ”प्रधानमंत्री ने सांसदों से लंबे समय तक फोन पर बात करते हुए वक्त न बर्बाद करने को कहा है। उन्होंने कहा- एक तरफ मैं आपको सोशल मीडिया और एप पर एक्टिव देखना चाहता हूं, लेकिन यह भी चाहता हूं कि आप फोन पर बातचीत के वक्त को कम करें। आप समय बचाने के लिए ऐसा करना ही होगा। आपको फोन पर छोटी-छोटी बातचीत करने की आदत डालनी ही होगी।”
सांसदों के साथ बातचीत में भावुक होते हुए मोदी ने बतौर कार्यकर्ता अपने पुराने दिनों को याद किया। पार्टी बैठक में मोदी ने कहा, ”मैं संगठन का आदमी हूं, मैं मजबूरी में पीएम बन गया।” उन्होंने इस बात का जिक्र भाजपा सांसदों को यह याद दिलाने के लिए किया कि पार्टी के काम करने में उन्हें पीछे नहीं हटना चाहिए। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि बहुत से सांसदों ने विकास पर्व पर रिपोर्ट नहीं दी है। करीब 15 मिनट तक चले भाषण में पीएम मोदी ने पार्टी से ‘तिरंगा यात्रा’ को प्रमोट करने को कहा। उन्होंने कहा, ”राष्ट्रीयता, जातिवाद और अन्य विभाजनकारी ताकतों को खत्म कर सकती है।” जीएसटी बिल पर बोलते हुए पीएम ने पार्टी से कहा कि वह एक बुकलेट तैयार कराए जिसमें सरकार द्वारा शुरू की गई 100 योजनाओं की जानकारी होगी, ताकि लोगों तक संदेश पहुंचाया जा सके। वह चाहते हैं कि पार्टी जीएसटी बिल के फायदों की सूची प्रसारित कराए, खासकर उन प्रावधानों से जिससे छोटे व्यापारियों को फायदा पहुंचे।
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