जम्मू-कश्मीर में रविवार को हुए आतंकी हमले में 17 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर आलोचनाओं में घिर गए हैं। भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स भारतीय जवानों की श्रद्धांजलि देने के साथ ही नरेंद्र मोदी के पुराने भाषणों और बयानों का हवाला दे रहे हैं। कुछ यूजर्स नरेंद्र मोदी  2013 में दिए एक भाषण का वीडियो भी शेयर कर रहे हैं जिसमें उन्होंने चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली घुसपैठ को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था, “डूब डूब मरो मेरे देश की सरकार चलाने वालों, आपको शर्म आनी चाहिए।” उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित सैनिक बेस पर रविवार तड़के हुए हमले में 20 भारतीय जवान घायल भी हुए हैं। तीन घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद भारतीय जवानों ने चार आतंकियों को मार गिराया। भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट स्थित 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड पर हुए इस हमले के बाद भारतीय सेना ने कहा कि प्रारंभिक सूत्रों के अनुसार सभी आतंकी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे और सीमापार से घुसपैठ कर के भारत आए थे। भारतीय सेना के अनुसार 13-14 जवान वहां बनाए गए अस्थायी टेटों और शेल्टरों में आग लगने की वजह से मारे गए। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान ने भारत के आरोपों का निराधार बताया है।

नरेंद्र मोदी ने साल 2013 में भारत की सुरक्षा के मुद्दे पर कहा था-

…आपको जानकार हैरानी होगी कि वोट बैंक की राजनीति में डूबी हुई दिल्ली की सल्तनत हिंदुस्तान की सुरक्षा को अनेदखा कर रही है। बांग्लादेश की सीमा पर हमारे जो जवान हैं, अगर कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया घुसकर आता है, अगर उसका रोकना चाहता है अगर वो रुकता नहीं है तो भारत की सेना, बीएसएफ के जवानों पर रोक लगाई गई है कि वो कोई भी शस्त्र का प्रयोग नहीं करेंगे। इतना ही यहां तक कह दिया गया है कि अगर वो ज्यादा ताकतवर है, अगर घुसपैठिए का हमला तेज है तो बांग्लादेश की सीमा पर बैठे बीएसएफ के जवान झगड़ा करने के बजाय उन्हें अंदर आने की इजाजत दे दें। भाइयों बहनों एक सार्वभौम देश का मुखिया, सवा सौ करोड़ देश की सरकार हिंदुस्तान के सामान्य मानवों को इस प्रकार के निर्णयों से सुरक्षा कैसे प्रदान कर सकती है। चाइना ने हमारी सीमा पर आकर अडंगा लगाया। सारी दुनिया ने देखा। गूगल मैप पर सारे नागरिक देख पा रहे थे कि चाइना की मूवमेंट कैसी है। चाइना किस राह हमारी धरती पर आ रहा है, किस राह अपनी जगह बना रहा है। मैं हैरान हूं कि चाइना तो घुसपैठिया था, उसको तो अपनी धरती पर जाना जरूरी था लेकिन दिल्ली की सरकार ने ऐसा समझौता किया कि चाइना तो अपनी धरती पर वापस गया लेकिन हिंदुस्तान की सेना को भी अपनी ही धरती पर वापस लेने का निर्णय, ये दुर्भाग्य है हमारे देश का ऐसी सरकार ने निर्णय लिया। इतना ही नहीं भारतीय विदेश मंत्री चाइना गए, चाइना जाकर उसकी हरकतों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी, लाल लाल आंखें करके चाइना को समझाना चाहिए था, इसका बजाय हिंदुस्तान के विदेश मंत्री ने चाइना जाकर बयान दिया कि बीजिंग इतना अच्छा शहर है कि मुझे यहां रहने का मन कर जाता है। डूब डूब मरो मेरे देश की सरकार चलाने वालों, आपको शर्म आनी चाहिए। ये घाव पर नमक छिड़क रहे हो आप लोग, हिंदुस्तान के सवा सौ करोड़ वासियों के मन पर लगी चोट पर आप लोग एसिड छिड़क रहे हो। इतना ही नहीं जब हमारे जवानों के सिर काट लिए गए थे तब भारत के विदेश मंत्री जयपुर जाकर पाकिस्तान को मेहमानों को बिरयानी खिला रहे थे और कहते क्या हैं, ये प्रोटोकाल है….मैं देश के नौजवानों से पूछता हूं, जो मेरे देश के जवानों का सिर काट ले उनका प्रोटोकाल होता है…क्या ये हिंदुस्तान की जनता को उसकी पीड़ा पर, उसके घाव पर नमक छिड़कने का काम है या नहीं है….इटली के लोग आएं और केरल में हमारे मछुवारों को गोली मार दें…कोई गुनाह नहीं था उनका, गरीब मां के बेटे पेट भरना चाहते थे, मेहनत कर रहे थे…इटली के जवान आए और मेरे देश के दो मछुवारों को गोली से भून गए….और उनको अरेस्ट किया जाए और वो कहें…हिंदुस्तान के अंदर कोई जेल में है तो उसे बेल चाहिए तो नहीं मिलती है…लेकिन वो कौन लोगों का इंफ्यूएंस था कि इटली के जवानों के बेल मिल गया…”

सोशल मीडिया पर कुछ लोग नरेंद्र मोदी का 2013 का एक ट्वीट भी शेयर कर रहे हैं। ट्वीट में तब मोदी ने लिखा था, “भारत कठिन हालात से गुजर रहा है। चीन हमारी सीमा में घुसपैठ कर रहा है, पाकिस्तान फिर हमारे सैनिकों के सिर काट रहा है लेकिन हमारी केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है।”

नरेंद्र मोदी का साल 2013 का वीडियो-