उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के अच्छे काम जिंदा रहे और उन्होंने देश बदल दिया। लेकिन बुरे काम अब भी बड़ी कीमत वसूल रहे हैं। विनय सीतापति की किताब ‘हाफ लायंस- हाऊ पीवी नरसिम्हा राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया’ की रिलीज के मौके पर उन्होंने कहा, ”नरसिम्हा राव ने जो अच्छा काम किया वह उनके बाद भी जिंदा रहा और हमारे आसपास का माहौल बदल गया। लेकिन नुकसान भी जिंदा रहा और अब भी कीमत वसूल रहा है।”
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बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर अंसारी ने किताब के आकलन का जिक्र किया जिसमें सीतापति ने कहा, ”राव मस्जिद को बचाना चाहते थे, वे हिंदू भावनाओं और खुद को भी बचाना चाहते थे। लेकिन हुआ यह कि मस्जिद तबाह हो गई, कांग्रेस के पास हिंदू वोट भी नहीं आए और उनकी खुद की छवि तार-तार हो गई। किताब के दो हिस्सों पर बयानबाजी होगी। ये संसद के मैनेजमेंट और बाबरी विध्वंस से जुड़े हुए हैं। पहला हिस्सा हर मानक से डरावना सपना था। कांग्रेस बहुमत से 10 सीट दूर थी। विपक्ष हिंदूवादी भाजपा और वामपंथी नेशनल फ्रंट में बंटा हुआ था। प्रधानमंत्री को कमजोर माना गया।”
अंसारी ने सांसदों की खरीद फरोख्त के विवाद का भी जिक्र किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद के घूस मामले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ”26 जुलाई 1992 को विश्वासमत के साथ नियति ने जन्म लिया। सरकार का उद्देश्य मुसीबत टालना था। अनैतिक कदम उठाए गए। यह नरसिम्हा राव के कॅरियर का सबसे खराब राजनीतिक निर्णय था।”
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