नामीबिया से लाए गए चीतों में से एक चीता कूनो नेशनल पार्क से 20 किमी दूर विजयपुर के झाड़ बड़ौदा गांव के खेतों में पहुंच गया। चीते को देख गांव के लोग सकते में आ गए। सूचना मिलने पर गांव में निगरानी टीम भी पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि रात को चीते ने एक गाय का शिकार भी किया था। फॉरेस्ट ऑफिसर ने जानकारी दी है कि चीते को वापस कूनो नेशनल पार्क लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
फोरसेट ऑफिसर प्रकाश वर्मा ने जानकारी दी है कि नामीबिया से लाए गए चीतों में से ओबान नाम का एक चीता झार-बड़ौदा गांव में घुस गया था। ये गांव कूनो नेशनल पार्क से करीब 20 किलोमीटर दूर है।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने मामले को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि नामीबियाई चीता ओबान कूनो पार्क की सीमा रेखा को लांघकर विजयपुर क्षेत्र के झार बड़ौदा और गोलीपुरा गांवों में जा पहुंच गया है। उसके हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। गांव के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जल्द ही उसे काबू में कर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
खेत में पहुंचे इस चीते का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में स्थानीय लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “गो ओबन गो…प्लीज ओबैन गो।” प्रोजेक्ट चीता टीम मानव दीवार बनाकर और गलियारा बनाने के लिए वाहनों का उपयोग करके ओबन को कूनो वापस लाने की कोशिश कर रही है।
एक अधिकारी ने कहा, “जंगली में चीतों की एक विशाल घरेलू सीमा होती है, जिसमें नर मादाओं की तुलना में बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लेते हैं। हमने आखरी समय में उसे पार्क में घूमते हुए ही देखा था”
कूनो के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने कहा, ‘हम इसकी मूवमेंट पर लगातार नजर रख रहे हैं।’ चीता दंपति ओबान और आशा को 11 मार्च को कूनो में जंगल में छोड़ दिया गया था, 70 से अधिक वर्षों में पहली बार चीतों को भारत में फिर से लाया गया था।