पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल में असल परिवर्तन का नारा देकर तृणमूल को उखाड़ फेंकने का आह्वान जनता से कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट ने पार्टी समर्थकों को पूरी तरह से निराश कर दिया है। पार्टी ने जिन 283 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, उनमें से 150 नाम ऐसे हैं जो तृणमूल, कांग्रेस और सीपीएम से आए हैं। पार्टी से जुड़े लोगों का सवाल है कि क्या बीजेपी दलबदलुओं के सहारे असल परिवर्तन करने जा रही है। पार्टी की उस समय ज्यादा किरकिरी हुई जब तृणमूल के तरूण साहा और कांग्रेस की शिखा मित्रा चौधरी का स्टेटमेंट सामने आया। दोनों ने बीजेपी का टिकट लेने से साफ मना कर दिया।
बंगाल चुनाव के सभी चरणों के लिए गुरुवार को बीजेपी की 148 उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर पार्टी में ही हंगामा खड़ा हो गया। बंगाल के कई इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध में बीजेपी ऑफिस में बवाल काटा। कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने बीजेपी ऑफिस में तोड़फोड़ कर पोस्टर-बैनर फाड़ दिए और जमकर नारेबाजी की। चुनाव से ठीक पहले कार्यकर्ताओं में इस तरह की नाराजगी बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। विरोध कर रहे लोगों का सवाल है कि मुकुल रॉय, सब्यासाची दत्त, रुद्रनिल घोष, दिप्तांग्सु चौधरी, पबन सिंह, सुनील सिंह, अरिंदम भट्टाचार्य, शीलभद्र दत्ता और जितेंद्र तिवारी जैसे दलबदलुओं के सहारे पार्टी असल परिवर्तन का सपना देख रही है।
अलीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए अशोक लाहिड़ी को लेकर भी पार्टी में विरोध के स्वर सामने आ रहे हैं। वह पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार भी रह चुके हैं। गौरतलब है कि उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे खास बात यह है कि बीजेपी ने कई सांसदों को टिकट दिया है। बीजेपी ने जिन सांसदों को बंगाल चुनाव के मैदान में उतारा है, उनमें बाबुल सुप्रियो, लॉकेट चटर्जी, नीतीश प्रामाणिक आदि के नाम शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री और बंगाल के आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो को टालीगंज सीट से टिकट दिया गया है। नीतीश प्रामाणिक को दिनहाटा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। वहीं, राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता बंगाल की तारकेश्वर सीट से चुनाव लड़ेंगे। एक्ट्रेस से नेता बनीं लॉकेट चटर्जी को चुचुड़ा सीट से टिकट दिया गया है। वह इस समय कमरहाटी लोकसभा सीट से बीजेपी की सांसद हैं।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल के नेताओं के साथ बैठक करके विरोधियों पर लगाम कसने को कहा। लेकिन गुरुवार को राज्यव्यापी विरोध और ज्यादा तीखा हो गया। सीनियर नेताओं की गाड़ियों में तोड़फोड़ के साथ पार्टी दफ्तरों को निशाना बनाने का काम और ज्यादा तेज रहो गया। विरोधी कह रहे हैं कि वो पार्टी के साथ सालों से जुड़े हैं। टिकट देने की बारी आई तो चंद दिन पहले शामिल हुए नेताओं को तरजीह दी जा रही है। बीजेपी के सूबा प्रधान रहे राहुल सिन्हा का कहना है कि साहा और शिखा मित्रा चौधरी के मामले की जांच की जाएगी। उनका कहना है कि जब दोनों को बीजेपी की नीतियों में विश्वास नहीं था तो किन नेताओं के कहने पर उनका नाम टिकट की सूची में आया।
चुनाव आयोग बंगाल में इस बार आठ फेज में विधानसभा चुनाव करवा रहा है। वोटिंग 27 मार्च से 29 अप्रैल तक चलेगी, जबकि नतीजों का ऐलान 2 मई को होगा। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। बंगाल में 2016 में सात चरणों में 4 अप्रैल से 5 मई के बीच असेंबली चुनाव हुए थे।

