पिछले साल नागालैंड में आर्मी के जवानों से गलती में हुए हमले के मामले में एक अफसर समेत सेना के 30 जवानों को आरोपी बनाया गया है। इस हमले में 14 आम नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसे लेकर काफी विवाद और हंगामा हुआ था।
राज्य के पुलिस प्रमुख ने इस मामले को लेकर कहा कि एसआईटी ने चार्जशीट अदालत को सौंप दिया है। इसमें एक अधिकारी और 29 जवानों के नाम शामिल हैं। एसआईटी ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि सैनिकों ने सही नियमों का पालन नहीं किया था। एसआईटी ने जांच में संकेत दिया कि सैनिकों ने हमले के दौरान तय एसओपी का पालन नहीं किया, जिसके कारण रात में एक पिकअप ट्रक में सवार होकर घर लौट रहे 14 नागरिकों की मौत हो गई।
नागालैंड सरकार ने केंद्र से इस चार्जशीट में नामजद जवानों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत मांगी है। इसके अलावा राज्य पुलिस ने भी रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर कार्रवाई की मंजूरी मांगी है। नागालैंड का एक बड़ा हिस्सा अफस्पा के अंदर आता है। यही कारण है कि राज्य सरकार सुरक्षा बलों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती है। उसे इसके लिए केंद्र की मंजूरी लेना अनिवार्य है।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सेना से ये गलती हुई थी। सेना को खबर थी विद्रोही उस रास्ते से गुजरेंगे। सेना के जवान घात लगाकर बैठे हुए थे। तभी एक पिकअप ट्रक दिखा और सुरक्षा बलों ने उस पर तुरंत गोलियां चला दीं। पिकअप में आम लोग सवार थे, जो मजदूरी करके वापस अपने घरों को लौट रहे थे। इस हमले में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग सेना के खिलाफ उठ खड़े हुए और उनके हमले में सेना के एक जवान की भी मौत हो गई थी। इस घटना की जांच के लिए आर्मी ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए थे। वहीं राज्य सरकार ने एसआईटी से जांच करवाई है।