नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी (एनएए) ने बच्चों के लिए उत्पाद बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर 230 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी पर ग्राहकों को एसटी कटौती का लाभ नहीं देने का आरोप लगा है। एनएए ने अपने मंगलवार को दिए फैसले में कहा है कि जिस हिसाब से कंपनी ने टैक्स कटौती की गणना की थी, वो काफी गलत आकलन था। जांच में पाया गया कि 15 नवंबर 2017 को कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी की गई तो जॉनसन एंड जॉनसन ने ग्राहकों को फायदा नहीं दिया।
जॉनसन एंड जॉनसन को तीन महीने में जुर्माने की रकम जमा करने के आदेश दिए गए हैं। इस मुद्दे पर कंपनी से जनवरी में जवाब मांगा गया था। उसका कहना था कि ऐसे मामलों में किसी तरह की गाइडलाइंस नहीं होने की वजह से अपने हिसाब से आकलन किया था। एनएए ने कंपनी की ओर से मिली जानकारी और आंकड़ों को अधूरा बताते हुए दावे खारिज कर दिए। हाल ही में इसके उत्पादों में कैंसरकारक तत्व होने की बात सामने आने पर कई देशों ने अपने यहां पर बिक्री पर रोक लगा दी थी।
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भारत में जॉनसन एंड जॉनसन मेडिकल डिवाइस, कंज्यूमर हेल्थकेयर और फार्मा प्रोडक्ट के कारोबार में है। इसके बेबी ऑयल, क्रीम, पाउडर और सेनिटरी नैपकिन (स्टेफ्री) जैसे उत्पाद काफी इस्तेमाल किए जाते हैं। देश के 4,000 करोड़ रुपये के बेबी केयर बाजार में 2018 के आखिर तक जॉनसन एंड जॉनसन का 75 फीसदी शेयर होने का अनुमान था। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत में कंपनी का रेवेन्यू 5,828 करोड़ रुपए और मुनाफा 688 करोड़ रुपए रहा था।