ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा है कि समान नागरिकता संहिता (Uniform Civil Code) के विरोध के मुद्दे पर उसको मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की ओर से समर्थन देने का आश्वासन दिया है। इसको लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार (6 जुलाई 2023) को कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उनसे पार्टी का समर्थन मांगा। खड़गे ने अपनी पार्टी की ओर से उनको फौरन समर्थन दे दिया। कांग्रेस ने बोर्ड को यह भी आश्वासन दिया है कि संसद में जब इस मुद्दे पर बहस होगी, तब वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बातों उठाएंगे।

उद्धव ने कहा- अल्पसंख्यकों समेत सबकी सहमति के बाद ही बने कानून

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इससे पहले इस मुद्दे पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी समर्थन मांग चुकी है। दोनों नेताओं ने अपने दलों की ओर से उनके साथ सहमति जताई है। बोर्ड का कहना है कि उद्धव ठाकरे ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यूसीसी पर सबकी सहमति से ही कानून बनना चाहिए। जब तक सबकी सहमति न हो, ये नहीं बनना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि सबकी सहमति में अल्पसंख़्यकों की सहमति भी शामिल है।”

बोर्ड ने विधि आयोग को पत्र लिखकर अपना विरोध जता दिया

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बुधवार को भारत के विधि आयोग पत्र लिखकर समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध करने की अपनी बात दोहरा दी। इस पत्र में यह भी साफ कर दिया कि बहुसंख्यकों की नैतिकता को अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी और अधिकारों को नहीं दबाना चाहिए।

AIMPLB ने 100 पन्नों के ज्ञापन में विधि आयोग को लिखा, “बहुसंख्यकवादी नैतिकता को एक कोड के नाम पर व्यक्तिगत कानून, धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए, जो एक पहेली बनी हुई है।”

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इससे पहले एक बैठक करके यह फैसला लिया था कि यूसीसी के मुद्दे पर ड्राफ्ट तैयार कराया जाएगा। इसमें यूसीसी के कानूनी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा शरीयत के जरूरी हिस्सों को भी ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा।