Imarat-e-Shariah Faisal Rahmani: बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम समुदाय वक्फ कानून के विरोध में अपनी ताकत दिखाने जा रहा है। देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों में से एक इमारत-ए-शरिया ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया है। इस कानून को लेकर इमारत-ए-शरिया के प्रमुख फैसल रहमानी ने बहुत बड़ा बयान दिया है।

बताना होगा कि वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को अदालत में चुनौती दी गई थी और सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस साल अप्रैल में संसद ने वक्फ कानून को पारित किया गया था।

इबादतगाहों को छीनने की कोशिश

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में रहमानी ने कहा, ‘हम शुरू से ही वक्फ कानून का विरोध कर रहे हैं, हम लोगों के बीच जागरूकता पैदा कर रहे हैं…यह हमारी इबादतगाहों और हमारी विरासत को छीनने की कोशिश है और यह कानून भाईचारे को कमजोर करता है।’

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आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले इमारत-ए-शरिया के विरोध प्रदर्शन को लेकर पूछे जाने पर रहमानी ने कहा कि वे इस मामले में सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांग रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘हमें अलग-अलग राजनीतिक दलों से समर्थन मिल रहा है और वास्तव में, बीजेपी के कुछ सांसद भी वक्फ कानून के मामले में हमारे रुख का समर्थन कर रहे हैं।’

रहमानी ने कहा, ‘हम 1995 के वक्फ कानून को स्वीकार करते हैं… हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि वक्फ की जमीन पर हजारों शैक्षणिक, चिकित्सा और सामाजिक संगठन और संस्थान चल रहे हैं जिनमें से कुछ में मुसलमानों की तुलना में हिंदू लाभार्थी ज्यादा हैं। उदाहरण के लिए पटना में मौलाना मजहरुल हक़ विश्वविद्यालय को लें, जिसमें बी.एड पाठ्यक्रमों में 88% हिंदू छात्र हैं।’

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पटना रैली तो बस शुरुआत है- रहमानी

वक्फ कानून को गैर जरूरी बताते हुए इमारत-ए-शरिया प्रमुख ने यह भी कहा, ‘इस कानून का उद्देश्य नागरिकों के बीच दुश्मनी पैदा करना है… जनता एक बड़ी ताकत है और इसने एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजबूर कर दिया था। पटना रैली तो बस शुरुआत है, हम केंद्र पर दबाव बनाए रखेंगे।’

AIMPLB भी कर रहा कार्यक्रम

बताना होगा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी देश भर में ‘वक्फ बचाओ अभियान’ के तहत कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में 9 जिलों पर AIMPLB ने फोकस किया है। इन नौ जिलों में 72 विधानसभा सीटें हैं और इनमें से 30 सीटों पर मुस्लिम समुदाय ताकतवर है। बिहार में मुस्लिम समुदाय की आबादी 17.7% है।

‘वक्फ बचाओ अभियान’ के दौरान AIMPLB और मुस्लिम समुदाय के अन्य संगठन बीजेपी और इसके सहयोगी दलों पर हमला बोल रहे हैं। ऐसे दलों में जेडीयू भी शामिल है। AIMPLB का कहना है कि इन दलों ने वक्फ कानून के मामले में मुस्लिम समुदाय के साथ धोखाधड़ी की है।

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