धर्मांतरण के मुद्दे पर हिंदू संगठनों पर निशाना साधते हुए पीएमके ने आज कहा कि जनता ने भाजपा को भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए नहीं बल्कि देश के आर्थिक विकास को बेहतर करने की दिशा में काम करने के लिए सत्ता सौंपी थी।
पार्टी के संस्थापक एस रामदास ने केंद्र सरकार से अपने खुद के एजेंडे को आगे बढ़ाने के बजाय आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधन के लिए अपने संसाधनों को खर्चने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
उन्होंने संघ परिवार के अन्य संगठनों द्वारा आयोजित ‘‘घर वापसी’’ (धर्मांतरण) कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने का आह्वान कर रही है ।
उन्होंने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले पर भी प्रहार किया और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए इस तरह की योजना को पहले से तैयार किया गया है । उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां देश की धर्मनिरपेक्षता और बहुलवादी प्रकृति के लिए अहितकर है।
उन्होंने कहा कि भारत ने बाबरी विध्वंस के बाद इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकायी है। उन्होंने संघ परिवार की गतिविधियों पर ‘‘शासकों (केंद्र सरकार) के तमाशबीन बने रहने’’ पर चिंता व्यक्त की।