राजग की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के अपने सफर से पहले बुधवार को ओड़ीशा के मयूरभंज जिले के आदिवासी बहुल अपने इस कस्बे में स्थित शिवमंदिर में सुबह सूर्योदय से पहले झाड़ू लगाई जो उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा है।
मुर्मू अगस्त 2021 में झारखंड के राज्यपाल पद से रिटायर होने के बाद यहां लौटी थीं और तब से मंदिर में झाडू लगाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। बुधवार का दिन भी इससे अलग नहीं था। सैकड़ों स्थानीय लोगों ने देखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के हाथों में झाडू है और वह लाल बार्डर की हाथी दांत रंग की साड़ी में झाड़ू लेकर सुबह तीन से चार बजे के करीब मंदिर में झाडू लगा रही हैं।
अन्य दिनों की तरह ही वे स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा करने आईं और भगवान शिव के वाहन नंदी के कान में कुछ कहा जो कि एक सामान्य चलन है। उस वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग जमा थे जिनके मद्देनजर सीआरपीएफ के कमांड़ो ने इलाके की घेराबंदी की क्योंकि उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 64 वर्षीय मुर्मू की सुरक्षा बुधवार तड़के कमांडों ने अपने हाथ में ली। मुर्मू जब सुबह मंदिर गईं तो हतप्रभ रह गर्इं कि सुबह होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। इश्वरीय प्रजापति ब्रह्मकुमारी संगठन के दो सदस्यों ने उनका स्वागत किया।
सदस्य ने कहा कि हम मैडम को उनकी सफलता पर बधाई देने आए थे और हमारा मानना है कि यह उपलब्धि उन्हें ईश्वर के आशीर्वाद से प्रप्त हुई है। मंदिर के अनुष्ठानों के बाद वह अपने आवास पर लौटीं और ओड़ीशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) सहित विभिन्न दलों के नेताओं और लोगों से मुलाकात की। हालांकि, विपक्षी कांग्रेस के नेता उनके आवास पर नहीं दिखे जिसे अब भी जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार को समर्थन करने को लेकर फैसला करना है।
मुर्मू इसके बाद 285 किलोमीटर दूर स्थित भुवनेश्वर के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुईं जहां रास्ते के दोनों ओर उस महिला को देखने के लिए लोग कतार में खड़े हुए नजर आए।
जो देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने जा रही हैं। रास्ते में खड़े बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने उन्हें पुष्प उपहार में दिए और नमस्ते किया या हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। माहौल उत्सव जैसा था और कुछ लोगों को आदिवासी संगीत पर नृत्य करते हुए देखा गया जो मुर्मू की उम्मीदवारी को आजादी के बाद आदिवासी समुदाय की बड़ी जीत मानते हैं।
उनके स्वागत में शहर में विशाल तोरण द्वार बनाए गए थे। मुर्मू हवाई मार्ग से भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंचेंगी। उनके साथ मौजूद लोगों ने बताया कि भुवनेश्वर में शाम को उनको सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।