मुंबई के कांग्रेस पार्षद विक्रांत चव्हाण एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह महिला पत्रकार से बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं। महिला पत्रकार ने खुद इस वीडियो को शूट किया है। वीडियो शूट करने के दौरान पत्रकार ने पार्षद पर एक के बाद एक सवाल दागे तो गुस्से में उन्होंने पत्रकार पर हमला तक कर दिया। मामला मुंबई के एक मेट्रो स्टेशन का है। यहां पार्षद सुरक्षाकर्मियों और मेट्रो स्टाफ को धौंस दिखा रहे थे। जिस वक्त विक्रांत अपने पद की धौंस दिखा रहे थे उसी दौरान पत्रकार तबस्सुम भी वहां से गुजर रही थीं।
पत्रकार ने जब पार्षद से इसके बारे में जानना चाहा तो वह अपने फोन का कैमरा ऑन करके उनके पास पहुंच गई। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी खुद पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है। पत्रकार ने ट्वीट किया ‘मैं मेट्रो स्टेशन में पहुंची तो विक्रांत च्वाहाण मेट्रो स्टाफ के दो लोगों पर चिल्ला रहे थे। वह कह रहे थे मैं पार्षद हूं क्या आप लोग ये बात जानते हैं। हालांकि इस दौरान वे दोनों उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे। एक पत्रकार के तौर पर मैंने पूरे मामले को समझने की कोशिश की और मैं स्टाफ के सदस्य साजिद के पास पहुंची और उनसे पूछा कि आखिर चल क्या रहा है।’
महिला पत्रकार ने आगे बताया ‘साजिद ने मुझे बताया कि वह एक पार्षद है। यही वजह है कि वह यहां पर चिल्ला रहे हैं। वह हमारी बात तक नहीं सुन रहे। इस दौरान मैंने एक सिक्योरिटी गार्ड से सुना कि यह एक साइलेंट जोन है। हालांकि तब भी पार्षद लगातार चिल्लाते ही रहे। इसके बाद मैंने हस्तक्षेप करते हुए पार्षद से कहा कि शांत हो जाइए। लेकिन शांत होने की बजाय वह और तेज चिल्लाते हुए मुझसे कहने लगे ‘तू जा यहां से मैं विक्रांत च्वाहाण हूं।’ इसके बाद हमने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। लेकिन इसके बाद वह हिंसा पर उतर आए और मेरे हाथों पर हमला कर वीडियो को बंद करवा दिया।’
I decided to intervene, and asked Chavan politely to calm down. His voice grew louder, he said “Tu ja yahan se. Mein Vikrant Chavan hun. Corporator”. At that point we decided to make a video. Chavan got violent, hit my hand to stop the video. (3) @INCIndia @INCMaharashtra pic.twitter.com/9L1wzcAN6M
— Tabassum (@tabassum_b) January 15, 2020
इस वीडियो पर यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने कहा ‘यह क्या बदतमीजी है। इस तरह की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मुंबई पुलिस को इस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जरूरत है।’
एक यूजर ने कहा ‘इनसे दो पहिया वाहन तो पकड़े नहीं जाते और आप इनसे इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि एक नेता के ऊपर कार्रवाई करें।’ एक यूजर कहते हैं ‘मैडम कांग्रेसियों से ना उलझा करो। थप्पड़ क्या यह अभिव्यक्ति की आज़ादी बरतने पर पायर रोहगती की तरह जेल में भी डाल देते हैं।’