देश में मानसून सक्रिय हो गया है। किसी राज्य में सामान्य से बहुत अधिक बारिश हो रही है तो कहीं अभी भी सूखे जैसे हालत बने हुए हैं। हालांकि भारी बारिश की वजह से गुजरात और मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गुजरात के अमरेली, जूनागढ़, वलसाड, नवसारी और सूरत में बारिश की वजह से अबतक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां एनडीआरएफ की टीम ने अलग-अलग स्थानों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मछुआरों को समुंद्र का रुख नहीं करने की सलाह दी गई है।
अनुमान के मुताबिक गुजरात में तो मौसम की 38 फीसदी बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने मंगलवार (17 जुलाई, 2018) को भी कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, ओडिया के 15 जिलों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली एनसीआर में मानसून काफी कमजोर रहेगा।
महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी में पानी का स्तर बढ़ने की वजह से कई मंदिर पानी डूब गए। यहां 14 से 15 जुलाई के बीच 37 MM बारिश हुई है। दूसरी तरफ मानसून के शुरुआती 45 दिन गुजर जाने के बाद उत्तर भारत के कई राज्यों के जिले में कम बारिश परेशानी का कारण बनी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक 11 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर आठ फीसदी कम बारिश हुई है। देश के करीब 39 फीसदी हिस्से में औसत से कम बारिश हुई है।
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राजधानी पटना सहित राज्य के अधिकतर हिस्सों में तेज धूप निकली है। इससे वातावरण में नमी की मात्रा बनी हुई है। यहां मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक-दो दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो कहीं भी बारिश के आसार नहीं हैं।
कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालातों की वजह से जिंदगी थम सी गई है। गुजरात और मध्य प्रदेश के जिलें बाढ़ की वजह से बेहाल हैं। महाराष्ट्र के मुंबई के बाद अब हिल स्टेशनों में बारिश का सिलसिला तेज हो गया है। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा रोक दी गई है।
मंगलवार को मुंबई के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश हुई है। इससे वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर वाहनों की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। दक्षिणी मुंबई के कई इलाकों में भारी जाम लगने की खबर है। मौसम विभाग ने भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, सागर और इनसे जुड़े इलाकों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।