मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में 188 लोगों की जान लेने वाले सात आरडीएक्स बम विस्फोटों के नौ साल बाद यहां की एक मकोका अदालत ने आज इस मामले में 12 लोगों को दोषी ठहराया ।
फैसला सुनाते हुए मकोका न्यायाधीश यतिन डी शिन्दे ने मामले में 12 आरोपियों को दोषी ठहराराया और एक अन्य आरोपी अब्दुल वाहिद शेख (34) को बरी कर दिया ।
आज दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों में कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), एहतशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद मजीद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल आलम शेख (27), सुहैल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38) शामिल हैं ।
हालांकि आजम चीमा और 14 अन्य मामले में अभी फरार हैं । सजा की मात्रा पर सोमवार को सुनवाई शुरू होने की संभावना है।
आठ साल तक चले मुकदमे में अभियोजन ने आठ आईपीएस और पांच आईएएस अधिकारियों तथा 18 डॉक्टरों सहित 192 गवाहों से पूछताछ की । बचाव पक्ष के वकील ने 51 गवाहों से पूछताछ की और एक व्यक्ति को अदालत के गवाह के रूप में बुलाया गया ।
गवाहों द्वारा दी गई गवाही करीब 5,500 पन्नों में दर्ज है ।
मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में 11 जुलाई 2006 को सात आरडीएक्स बम फटे थे जिनमें 188 लोग मारे गए थे और 829 अन्य घायल हुए थे ।
विस्फोट खार रोड-सांताक्रुज, बांद्रा-खार रोड, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम जंक्शन और बोरिवली के बीच 10 मिनट के भीतर हुए थे ।
मकोका न्यायाधीश ने पिछले साल 19 अगस्त को मुकदमा पूरा कर लिया था । गवाहों से पूछताछ दो साल बाद शुरू हुई क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 2008 में मुकदमे पर रोक लगा दी थी ।
रोक लगाए जाने से पूर्व अभियोजन एक अधिकारी से पहले ही पूछताछ कर चुका था । उच्चतम न्यायालय ने 23 अप्रैल 2010 को स्थगन वापस ले लिया था ।

