‘निर्भया’ के गुनहगार की रिहाई के विरोध में गुरुवार को लखनऊ में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव की अगुआई में ‘काला दिवस’ मनाया गया। कार्यक्रम में निर्भया के माता-पिता भी शामिल हुए। अपर्णा की संस्था द्वारा गोमतीनगर के 1090 चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। इस दौरान ‘निर्भया’ के साथ हुई दरिंदगी के तत्कालीन नाबालिग गुनहगार को रिहा किए जाने के विरोध में काले गुब्बारे छोड़े गए और उसका पुतला भी जलाया गया।
इस मौके पर अपर्णा ने कहा कि निर्भया का गुनहगार उस वक्त नाबालिग होने की वजह से कानून के लचीलेपन का फायदा उठाकर भले ही रिहा हो गया हो, लेकिन उसे उत्तर प्रदेश में घुसने नहीं दिया जाएगा। वह निर्भया के साथ हुई दरिंदगी के जुर्म में सलाखों के पीछे फिर से जाए, इसकी कोशिश की जाएगी। उन्होंने आगामी 29 दिसंबर को निर्भया का शहीदी दिवस मनाने की मांग करते हुए कहा कि वह सूचना का अधिकार के तहत निर्भया के गुनहगार की पहचान की जानकारी मांगेगी और उसे सार्वजनिक किया जाएगा। कार्यक्रम में निर्भया के माता-पिता भी शरीक हुए। निर्भया की मां ने कहा कि नाबालिग दोषी को उम्र का फायदा नहीं मिलना चाहिए था। मामले के बाकी दोषियों की तरह उसे भी बराबर की सजा मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि तीन साल की लड़ाई के बाद वे हार गर्इं और अपराध जीत गया। दोषी की रिहाई उनकी दिवंगत बेटी के साथ अन्याय है।
निर्भया के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगार को रिहा किए जाने से देश में गलत संदेश गया है। निर्भया के साथ जो हुआ वह देश पर कालिख की तरह है। वह स्याह घाव देने वाला शख्स इतनी जल्दी रिहा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि संसद ने जुवेनाइल बिल भले ही पास कर दिया हो, लेकिन उनकी बेटी के साथ तो नाइंसाफी हो ही गई।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की चलती बस में एक मेडिकल छात्रा से छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। गंभीर रूप से घायल उस लड़की की 13 दिन बाद मौत हो गई थी। वारदात के वक्त नाबालिग रहे एक दोषी को पिछली 20 दिसंबर को तीन साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था।