Chhaava Movie on Sambhaji Maharaj: ‘छावा’ मूवी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। यह फिल्म भारत में 450 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है और दुनिया भर में भी अच्छा कलेक्शन कर रही है। यह मूवी छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता पर बनाई गई है। छत्रपति संभाजी महाराज की मुगल शासक औरंगजेब ने हत्या कर दी थी। ‘छावा’ मूवी देखने के बाद लोग संभाजी महाराज पर औरंगजेब के द्वारा किए गए जुल्मों के बारे में बात कर रहे हैं और इसे लेकर इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं।
आइए हम भी इस बारे में थोड़ा-बहुत बात करते हैं।
शिवाजी महाराज के गद्दी पर बैठने के दौरान मराठा साम्राज्य का जबरदस्त विस्तार हुआ। उन्होंने उत्तर भारत में मुगलों के हमले का मुकाबला किया और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। अप्रैल, 1680 में शिवाजी की मृत्यु के बाद जनवरी, 1681 में संभाजी महाराज को मराठा साम्राज्य का शासक घोषित कर दिया गया। इसके बाद संभाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई जारी रखी।
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संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे थे। ‘छावा’ फिल्म में संभाजी महाराज की भूमिका विक्की कौशल ने निभाई है। संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे।
आत्मसमर्पण करने से किया इनकार
11 मार्च, 1689 को संभाजी महाराज को मुगल सेना ने पकड़ लिया। संभाजी ने मुगलों के सामने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया। इतिहासकारों के मुताबिक, संभाजी से कहा गया कि वह अपने सभी किले और खजाने सौंप दें और इस्लाम कबूल कर लें। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और इसके बाद उन्हें जमकर यातनाएं दी गई।
कुछ लोगों का कहना है कि संभाजी महाराज के शरीर के टुकड़े करके पुणे की भीमा नदी में फेंक दिया गया था और उनके टुकड़ों को कुत्तों को खिला दिया गया था।
मराठा समुदाय हुआ एकजुट
औरंगजेब ने संभाजी महाराज की इतनी निर्दयता और निर्ममता से हत्या मराठा समुदाय को चेतावनी देने के लिए की थी लेकिन उनकी हत्या के बाद मराठा समुदाय मुगलों के खिलाफ एकजुट हो गया।
औरंगजेब ने लागू किया शरिया कानून
औरंगजेब छठा मुगल शासक था और उसने 1658 से 1707 तक शासन संभाला। वह अपने पिता को कैद करने और अपने बड़े भाई की हत्या के बाद ही गद्दी पर बैठा था। इतिहासकार कहते हैं कि औरंगजेब ने बहुत कठोरता के साथ सख्त शरिया कानून को लागू किया। उसने जजिया कर लगाया, हिंदू मंदिरों को तोड़ा और संभाजी महाराज को फांसी पर चढ़ा दिया। 1707 में औरंगजेब की मौत हो गई। उसकी मौत स्वाभाविक तरीकों से ही हुई और उसे खुल्दाबाद में खुली कब्र में दफनाया गया।
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