लोकसभा में सोमवार को ‘द मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट) बिल 2019’ पास हुआ। इस बिल में मोटर दुर्घटनाओं में मौत पर 5 लाख जबकि गंभीर रूप से घायल होने पर 2.5 लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया गया है। बिल को सड़क परिवहन राज्य मंत्री वीके सिंह ने पेश किया। बिल में यातायात नियमों को तोड़ने पर ज्यादा जुर्माने, ऑनलाइन लाइसेंस देने, इंश्योरेंस की प्रक्रिया को आसान करने और दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने वालों की हिफाजत से जुड़े प्रावधान हैं।

बिल के मुताबिक, अब ट्रांसपोर्ट लाइसेंस के रिनुअल के लिए समयावधि 5 साल के बजाए तीन साल होगी। लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों को दिव्यांगों को भी लाइसेंस देने का अधिकार मिलेगा। बिल पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और सौगत राय जबकि तृणमूल की सांसद महुआ मित्रा ने आपत्ति दर्ज कराई।

मित्रा ने ड्राइविंग लाइसेंस के रिनुअल के लिए एक्सपायरी डेट के पहले और बाद एक महीने की समयावधि को बढ़ाकर एक साल करने के प्रस्ताव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह लोगों की हिफाजत से जुड़ा हुआ मामला है। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि चर्चा के दौरान इन मुद्दों को उठाया जा सकता है।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार का राज्यों से अधिकार छीनने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये कानून मानने के लिए राज्य बाध्य नहीं होंगे। गडकरी ने बताया कि बिल की जांच पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी और सेलेक्ट कमेटी ने भी की है। यह बिल पिछली लोकसभा में भी पास हुआ, लेकिन इसे राज्य सभा की मंजूरी नहीं मिल सकी। गडकरी के मुताबिक, बिल को तैयार करने के लिए 18 राज्यों के ट्रांसपोर्ट मंत्रियों से चर्चा की गई और उनसे सुझाव लिए गए। गडकरी ने कहा कि वह बिल पर किसी तरह की आपत्ति को लेकर चर्चा के लिए तैयार हैं।

गडकरी ने कहा कि बिल लाने का मकसद लोगों की जान बचाना है। गडकरी ने सदन को जानकारी दी कि देश में करीब 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है जबकि 5 लाख लोग घायल होते हैं। गडकरी ने स्वीकार किया कि देश में पिछले पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में उनके विभाग को सफलता नहीं मिली है और उन्होंने उम्मीद जताई कि मोटर यान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सड़क हादसों से लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।