दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने मदर टेरेसा की सेवा को धर्मांतरण से प्रेरित बताया है। आरएसएस मुखिया के विवादास्पद बयान पर  केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मैंने मदर टेरेसा के साथ कोलकाता स्थित निर्मल हृदय आश्रम में कुछ महीने तक काम किया है। वह एक पवित्र आत्मा थीं। कृपया उन्हें छोड़ दें।”

इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि मदर टेरेसा की गरीबों की सेवा के पीछे का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराना था।

गैर सरकारी संगठन ‘अपना घर’ की ओर से आयोजित समारोह में भागवत ने कहा, ‘‘मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी। परंतु इसमें एक उद्देश्य हुआ करता था कि जिसकी सेवा की जा रही है उसका ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सवाल सिर्फ धर्मांतरण का नहीं है लेकिन अगर यह (धर्मांतरण) सेवा के नाम पर किया जाता है तो सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है।’’

भागवत ने कहा, ‘‘परंतु यहां (एनजीओ) उद्देश्य विशुद्ध रूप से गरीबों और असहाय लोगों की सेवा करना है।’’

सरसंघचालक यहां से करीब आठ किलोमीटर दूर बजहेरा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गांव में उन्होंने ‘महिला सदन’ और ‘शिशु बाल गृह’ का उद्घाटन किया।