मोरक्को में एक बड़ा उर्वरक उद्योग है। विशाल उत्पादन क्षमता और अंतरराष्ट्रीय पहुंच के साथ यह रूस, चीन और कनाडा के बाद दुनिया के शीर्ष चार उर्वरक निर्यातकों में से एक है। उर्वरक तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित होते हैं; नाइट्रोजन उर्वरक, फास्फोरस उर्वरक, पोटेशियम उर्वरक। 2020 में उर्वरक बाजार का आकार लगभग 190 अरब अमेरिकी डालर था।
फास्फोरस उर्वरकों के उत्पादन में मोरक्को का विशिष्ट स्थान है। इसके पास दुनिया के 70 फीसद से अधिक फास्फेट राक भंडार हैं, जिससे उर्वरकों में प्रयुक्त फास्फोरस प्राप्त होता है। यह मोरक्को को वैश्विक खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं की अगुवाई करता है क्योंकि सभी खाद्य फसलों को बढ़ने के लिए फास्फोरस तत्व की आवश्यकता होती है।
वर्ष 2021 में वैश्विक फास्फोरस उर्वरक बाजार लगभग 59 अरब अमेरिकी डालर का था। मोरक्को में, इस सेक्टर का 2020 का राजस्व 5.94 अरब अमेरिकी डालर था। मोरक्को ने वर्ष 2026 तक अतिरिक्त 82 लाख टन फास्फोरस उर्वरक का उत्पादन करने की योजना बनाई है। वर्तमान में उत्पादन लगभग एक करोड़ 20 लाख टन है। सरकारी कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि वह वर्ष के लिए अपने उर्वरक उत्पादन में 10 फीसद की वृद्धि करेगी। इससे वर्ष के अंत तक वैश्विक बाजार में अतिरिक्त 12 लाख टन का उत्पादन होगा।
मोरक्को वैश्विक उर्वरक बाजार का केंद्र बन रहा है। मोरक्को ने 1921 में फास्फोरस का खनन शुरू किया। वर्ष 1980 और 1990 के दशक के दौरान इसने अपने स्वयं के उर्वरक का उत्पादन शुरू किया। आफिस चेरिफयिन डेस फास्फेट नामक कंपनी ने मोरक्को के अटलांटिक तट पर जोर्फ लास्फर में दुनिया का सबसे बड़ा उर्वरक उत्पादन केंद्र बनाया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के फैलने से पहले, कंपनी के पांच महाद्वीपों में 350 से अधिक ग्राहक थे। अफ्रीका में खरीदे जाने वाले लगभग 54 फीसद फास्फेट उर्वरक मोरक्को से आते हैं। मोरक्कन उर्वरक भारत (50 फीसद), ब्राजील (40 फीसद) और यूरोप (41 फीसद) में प्रमुख घरेलू बाजार हिस्सेदारी निभाते हैं। भारत और ब्राजील ने अतिरिक्त आपूर्ति अंतराल को भरने के लिए मोरक्को का रूख किया है।मो
