उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव नए सियासी समीकरणों को गढ़ गया। जात-पात को दर किनार कर इस चुनाव ने सुशासन और विकास के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को दोबारा सत्ता की चाभी सौंप दी। 37 बरस बाद उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत लाए दल की लगातार दूसरी बार सरकार बनी। इस चुनाव में सबसे अधिक दागी और करोड़पति विधायक बने। उम्मीदवार बदलने के बाद भी भाजपा 50 सीटें हारी। वहीं राजनीति के पुरोधा इस बार भी अपनी सीटें जीतने में कामयाब हुए।
पहले बात करोड़पति और दागी विधायकों की। 18वीं विधानसभा में 403 उम्मीदवारों में से 205 उम्मीदवार ऐसे जीते जिन पर आपराधिक मामले हैं। ये कुल विधायकों का 51 फीसद है। इन विधायकों में से 158 ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। यदि आपराधिक मामलों की बात की जाए तो भाजपा के 111, समाजवादी पार्टी के 71, राष्टÑीय लोक दल के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक दागी हैं। इस बार की विधानसभा में जो 403 विधायक जीत कर आए हैं, उनमें से 91 फीसद करोड़पति हैं। चौंकिये नहीं, करोड़पति विधायकों का ये आंकड़ा कुल विधायकों का 91 फीसद है। इनमें भाजपा के 233, सपा के 100, अपना दल एस के 9, रालोद के 7 विधायक ऐसे हैंं जो करोड़पति हैं।
कई पुरोधा पांचवीं बार अपनी सीट बचा पाने में कामयाब रहे। इनमें पथरदेवा से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, छाता से लक्ष्मीनारायण चौधरी, आंवला से धर्मपाल सैनी, खजनी से श्रीराम चौहान, कटरा बाजार से बावन सिंह, गोला गोकर्णनाथ से अरविंद गिरि, निजामामाद से आलमबदी, तिलोई से मयंकेश्वर शरण सिंह, रुदौली से रामचन्द्र यादव, बल्देव से पूरन प्रकाश, पनिया से ज्ञानेन्द्र सिंह, चंदौसी से गुलाब देवी, गोपामऊ से श्यामप्रकाश और मिश्रिख से रामकृष्ण भार्गव शामिल हैं। वहीं मोहम्मद आजम खां, सुरेश खन्ना, सतीश महाना, रघुराज प्रताप सिंह, फतेहबहादुर सिंह और शिवपाल यादव छठीं बार विधायक बने।
वहीं असदुद्दीन ओवैसी की इत्तेहादुल मजलिस-ए-मुस्लिमीन ने सपा की राह में कांटे बिछाये। बिजनौर, नकुड़, कुर्सी, सुल्तानपुर, औराई, और शाहगंज में एआइएमआइएम के कारण सपा हार गई। इन सीटों में एआइएमआइएम को औराई में 2190 मत मिले और जीत का अंतर 1647 मतोें का रहा। जबकि शाहगंज में 8129 मत आवैसी की पार्टी को मिले और जीत का अंतर 719 मतों का रहा। बिजनौर में 2290 मत मिले और जीत का अंतर 1445 रहा। नकुड़ में एआइएमआइएम को 3593 मत मिले और भाजपा यहां सपा से 315 मतों के अंतर से जीती। कुर्सी में 8541 मत एआइएमआइएम को मिले और यहां भाजपा सपा से 217 मतों के अंतर से जीती। जबकि सुल्तानपुर में ओवैसी की पार्टी को 5351 मत मिले और यहां भी भाजपा ने सपा को 1009 मतों के अंतर से शिकस्त दी।