केरल के ऊपर दक्षिण पश्चिम मॉनसून की धीमी रफ्तार की वजह से यह मौसम विभाग के पूर्वानुमान की तारीख से कुछ दिन देरी से आ सकता है। केरल के ऊपर मॉनसून के आगे बढ़ने की सामान्य तारीख एक जून है। यह देश में बारिश की औपचारिक शुरुआत भी मानी जाती है। इस साल मौसम विज्ञान विभाग ने 30 मई को मॉनसून केरल में आने का पूर्वानुमान जताया था।

मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी एजंसी स्काईमेट के मुताबिक, मॉनसून सामान्य तारीख से तीन दिन पहले 16 मई को अंडमान निकोबार पहुंच गया था। तब से उसकी गति धीमी हो गई है। 21 मई तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर से आगे बढ़ा और श्रीलंका के दक्षिणी हिस्सों तक पहुंचा। लेकिन यहां मॉनसून एक हफ्ते के लिए सुस्त पड़ गया। हालांकि मौसम विज्ञान ने इसे देरी कहने से इनकार किया है और इतना जरूर कहा है कि उसकी गति धीमी है।

विभाग के अनुसार, ‘हमारे पूर्वानुमान के अनुसार चार दिन कम ज्यादा हो सकते हैं और यह अवधि 27 मई से तीन जून तक होती है’। आइएमडी के उपनिदेशक कृष्णानंद होसलीकर के अनुसार, ‘इस समय मॉनसून अरब सागर के ऊपर प्रवेश कर चुका है, श्रीलंका से निकल चुका है और बंगाल की खाड़ी में आ चुका है। हम उसकी गति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। मॉनसून की प्रक्रिया के दौरान अकसर देखने को मिलता है कि इसकी रफ्तार में बदलाव होता है’। बहरहाल कर्नाटक और केरल में मॉनसून से पहले की बारिश अब भी देखी जा रही है।

दूसरी ओर तेलंगाना में पिछले 24 घंटों के दौरान लू लगने से 52 लोगों की मौत हो गई। इस तरह राज्य में लू लगने से मरने वालों की संख्या 541 हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे तक उपलब्ध सूचना के मुताबिक मरने वालों की संख्या 541 हो गई है। लू से राज्य में मरने वालों की संख्या 489 हो गई।

पिछले 15 अप्रैल से नालगोंडा जिले में 139, करीमनगर में 120, खम्माम में 95 और महबूबनगर जिले में 42 लोग मारे गए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रंगा रेड्डी जिले में 36, मेडक में 35, आदिलाबाद में 26, वारंगल में 20, निजामाबाद में 18 और हैदराबाद में दस लोगों की मौत हुई है।