अखंड भारत को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत बड़ा बयान दिया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा है कि आपके बूढ़े होने से पहले आपको अखंड भारत के दर्शन हो जाएंगे। उनकी तरफ से ये भी कहा गया कि अब कई ऐसे देश हैं जिन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है। ये सारे वो देश हैं जिन्हें अखंड भारत का हिस्सा माना जाता है।
अखंड भारत पर क्या बोले भागवत?
मोहन भागवत ने कहा कि मैं नहीं जानता कि अखंड भारत कब तक बनेगा, उसके लिए मुझे ग्रह ज्योतिष देखना पड़ेगा। मैं तो असल में जानवरों का डॉक्टर हूं। लेकिन अगर आपने मन में ठान लिया है कि अखंड भारत बनाना है तो जब तक आप बूढ़ें होंगे, वो सपना भी जरूर पूरा हो जाएगा। भागवत ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब जमीन पर एक बार फिर स्थितियां बदली हैं, जो देश अलग हुए हैं, उन्हें अपनी गलती का अहसास होने लगा है।
संघ प्रमुख ने एक और बड़ा बयान देते कहा कि जिसने भी भारत का स्वभाव ही स्वीकार नहीं किया, वहीं अलग होता चला गया। यानी कि वे मानते हैं कि जो भी भारत से अलग हुआ, असल में उन्होंने कभी भी इस देश के स्वरूप को ठीक तरह से समझा ही नहीं। अब अखंड भारत पर तो मोहन भागवत ने विस्तार से बात की ही, उनकी तरफ से आरक्षण भी विचार रखे गए।
आरक्षण पर क्या बोले भागवत?
उन्होंने कहा कि ये हमारे ही समाज की गलती रही कि हमने एक तबके को पीछे रखा, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा। दो हजार सालों तक जिन पर अत्याचार हुआ, उन्हें समान अधिकार देने के लिए आरक्षण लाया गया। अब जब तक भेदभाव रहेगा, आरक्षण भी रहेगा। संघ हमेशा से ही संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण का समर्थन करता है। वैसे संघ को लेकर एक ये भी धारणा रही कि उसने आजादी के बाद कुछ समय तक ध्वजारोहण नहीं किया। उसने तिरंगे का सम्मान नहीं किया। इस पर मोहन भागवत ने दो टूक कहा है कि संघ तिरंगे के लिए प्राण भी दे सकता है। लोगों को एक घटना याद है, लेकिन उसके बाद से 15 अगस्त हो, 26 जनवरी हो, जहां भी कोई क्यों ना हो, तिरंगा जरूर फहराया जाता है।