बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र पर आरोप लगाए कि राज्य को विशेष दर्जा देने को लेकर वह ‘‘गंभीर नहीं है’’ और इस मामले में वह ‘‘राजनीति’’ में संलिप्त है। उनका बयान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की टिप्पणी के बाद आया है जिसमें पासवान ने कहा था कि राजग के सत्ता में आने के बाद ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
मांझी ने पत्रकारों से पूछा, ‘‘अगर ऐसा है तो नरेन्द्र मोदी ने संसदीय चुनावों के प्रचार में क्यों वादा किया कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज के साथ ही इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा?’’
भाजपा के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने रविवार को कहा था कि अगले वर्ष विधानसभा चुनावों में राजग के सत्ता में आने और उपयुक्त स्थितियां बनने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
नीतीश कुमार के हाल के ‘संपर्क यात्रा’ के दौरान विशेष दर्जा के मुद्दे को उठाए जाने के जवाब में पासवान ने कहा था, ‘‘अगर दर्जा दे भी दिया जाता है तो इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि जद यू सरकार राज्य में इसके लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने में विफल रही है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए मांझी ने कहा, ‘‘खोखले वादों के आधार पर लोकसभा चुनावों में उन्होंने बिहार में जीत हासिल की और अब झारखंड में भी ऐसा ही कर रहे हैं।’’
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम से बाहर निकलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके भुलावे में मत आईए।’’
मांझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में जदयू विशेष दर्जा के लिए गंभीरता से लड़ रही थी और ‘‘भाजपा के समर्थन या इसके बिना’’ इसे हासिल करेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में सात दिसम्बर को प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में वह विशेष दर्जे के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।