Corona संकट की वजह से मोदी सरकार ने बजट में यह ऐलान किया है कि 2021-22 में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का लोन लिया जाएगा। मौजूदा साल यानी 2020-21 में भी सरकार को करीब इतना ही लोन लेना पड़ा है। लेकिन देखा जाए तो सरकार एक सीमा से ज्यादा कर्ज नहीं ले सकती।

जब केंद्र या राज्य सरकारों का कर्ज सीमा से बाहर जाता है तो रेटिंग एजेंसियां सरकार या राज्य सरकार की रेटिंग घटा देती हैं। इससे विदेशी निवेशक एफडीआई केरूप में निवेश से हिचकते हैं और कंपनियों के लिए भी कर्ज महंगा हो जाता है। विश्व बैंक के अनुसार अगर किसी देश में बाहरी कर्ज यानी विदेशी कर्ज उसके जीडीपी के 77 फीसदी से ज्यादा हो जाए तो उस देश की जीडीपी 1.7% तक गिर जाती है।

सरकार दो तरह से लोन लेती है। देश के भीतर से और देश के बाहर से। आंतरिक कर्ज बैंकों, बीमा कंपनियों, रिजर्व बैंक, कॉरपोरेट कंपनियों, म्यूचुअल फंडों आदि से लिया जाता है। बाहरी कर्ज मित्र देशों, आईएफएम विश्व बैंक जैसी संस्थाओं से लिया जाता है। विदेशी कर्ज का बढ़ना इसलिए अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि इसके लिए सरकार को अमेरिकी डॉलर या अन्य विदेशी मुद्रा में चुकाना पड़ता है।

देश की बात करें तो सरकार आमतौर पर सरकारी प्रतिभूतियों यानी सिक्यूरिटीज (G-Secs) के द्वारा कर्ज लेती है। मार्केट स्टेबिलाइजेशन बॉन्ड, ट्रेजरी बिल, स्पेशल सिक्योरिटीज, गोल्ड बॉन्ड, स्माल सेविंग स्कीम, कैश मैनेजमेंट बिल आदि के द्वारा जो भी पैसा आता है, वह सरकार के लिए एक कर्ज ही होता है। जब कोई किसी जी-सेक या सरकारी बॉन्ड में निवेश करता है तो वह एक तरह से सरकार को कर्ज दे रहा होता है। सरकार एक निश्चित समय के बाद यह कर्ज लौटाती है और एक निश्चित ब्याज देती है। सरकार सड़कें, स्कूल आदि बनाने के लिए अक्सर ऐसे G-Secs जारी करती है। जो G-Secs एक साल से कम परिपक्वता अवध‍ि वाले होते हैं उन्हें ट्रेजरी बिल कहते हैं। एक साल से ज्यादा के G-Secs को सरकारी बॉन्ड कहा जाता है।

इसके अलावा कुछ उधार ऐसा होता है जिसे ऑफ बजट कहते हैं, ये सीधे केंद्र सरकार नहीं लेती, इसलिए इसका असर राजकोषीय घाटे में नहीं दिखाया जाता। इसकी बजट में चर्चा नहीं होती। ये कुछ सार्वजनिक कंपनियों, सरकारी संस्थाओं के लोन या डेफर्ड पेमेंट के रूप में होते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये लोन संस्थान सरकार के निर्देश पर ही लेते हैं, लेकिन इसे चुकाने की जवाबदेही सरकार पर नहीं होती इसलिए इसे बजट में शामिल नहीं किया जाता।