केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक संकट का सामना कर रही सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि सरकार के लगातार समर्थन से सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया का वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन सुधर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि एयर इंडिया के प्रदर्शन में आ रहे सुधार के मद्देनजर सरकार ने एयरलाइन की विनिवेश की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया से एयर इंडिया की हालत में सुधार हो सकेगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘एयर इंडिया केंद्रित वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) की 28 मार्च, 2018 को हुई बैठक में फैसला किया गया था कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव तथा विनिमय दरें प्रतिकूल रहने की वजह से अभी माहौल विनिवेश की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। लेकिन यह पिछले साल की स्थिति थी।’’
On recommendations of Air India Specific Alternative Mechanism (AISAM), the government to go ahead with the process of disinvestment Air India. pic.twitter.com/M7NEKPJVGz
— ANI (@ANI) June 27, 2019
एआईएसएएम मुख्य रूप से मंत्रियों का समूह होता है। इसका पुनर्गठन किया जाना है क्योंकि नई सरकार में अरुण जेटली और सुरेश प्रभु मंत्री नहीं हैं। उनका स्थान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी लेंगे। परिवहन मंत्री के इस समूह में बने रहने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार के लगातार समर्थन से एयर इंडिया का वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन सुधरा है। एआईएसएएम की सिफारिशों के अनुरूप सरकार अब एयरलाइन की विनिवेश प्रक्रिया पर आगे बढ़ेगी।’’