One Nation One Election Report Cost: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की बात कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी का पूरा संगठन, एनडीए के नेता 2029 में देश भर में एक साथ चुनाव कराए जाने की बात को जोर-शोर से कह रहे हैं। इसका विपक्ष की ओर से जोरदार विरोध किया जा रहा है लेकिन फिर भी मोदी सरकार इस मामले में आगे बढ़ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की रिपोर्ट बनाने में केंद्र सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है?

राइट टू इनफार्मेशन (आरटीआई) से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की रिपोर्ट तैयार करने में 95,344 रुपये खर्च किए हैं। इस बारे में आरटीआई इंडिया टुडे के द्वारा दायर की गई थी।

बताना होगा कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने 194 दिनों के बाद 14 मार्च, 2024 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी।

दिल्ली के चुनाव प्रचार से क्यों ‘गायब’ हैं राहुल, प्रियंका और मल्लिकार्जुन खड़गे?

यह माना जाए कि समिति ने हर दिन काम किया तो 194 दिनों के लिहाज से हर दिन का खर्च 491 रुपये के आसपास बैठता है।

इंडिया टुडे के द्वारा किए गए RTI आवेदन में सरकार से रिपोर्ट तैयार करने में हुए खर्च के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जवाब में, सरकार ने बताया कि खर्च को इन कैटेगरी में बांटा गया था।

सूचना, कंप्यूटर और टेलीकम्युनिकेशन, दफ्तर के खर्च, प्रोफेशनल सर्विसेज, मशीनरी और उपकरण, डिजिटल उपकरण, घरेलू यात्रा के खर्चे, प्रिंटिंग एंड पब्लिकेशन।

आरटीआई से ही इस बात का पता चला है कि इस कमेटी के सदस्यों को किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं किया गया।

पंजाब में अंबेडकर की प्रतिमा में तोड़फोड़ के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, विपक्षी दलों के निशाने पर AAP की भगवंत मान सरकार

रामनाथ कोविंद थे कमेटी के चेयरमैन

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए रिपोर्ट बनाने वाली कमेटी के चेयरमैन रामनाथ कोविंद थे जबकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी इसमें शामिल थे। केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य थे और डॉ. नितेन चंद्रा ने समिति के सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी।

अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल पेश किया था। तब विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया था। ऐसी सूरत में वोटिंग कराई गई थी। वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े थे। इसके बाद कानून मंत्री ने बिल को दोबारा सदन में रखा था। मौजूदा वक्त में यह बिल 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति के पास है।

मिल्कीपुर उपचुनाव: बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी आए BJP के साथ, दे दिया बड़ा बयान। क्लिक कर पढ़िए पूरी खबर।