बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। ढाका में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल कोर्ट ने शेख हसीना को भ्रष्टाचार, सत्ता का गलत इस्तेमाल और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में दोषी ठहराया। इसके बाद शेख हसीना को सजा ए मौत दी गई। शेख हसीना अभी भारत में रह रही हैं। इस बीच भारत सरकार का बयान आया है।

भारत ने क्या कहा?

शेख हसीना को मिली मौत की सजा पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने कोर्ट के फैसले को नोट किया है और भारत हमेशा बांग्लादेश के लोगों के भले को सबसे ऊपर मानता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम शांति, लोकतंत्र और मिलजुल कर आगे बढ़ने के रास्ते को जरूरी मानते हैं और बांग्लादेश का साथ देते रहेंगे।

फैसले पर शेख हसीना ने क्या कहा?

कोर्ट ने शेख हसीना के अलावा पूर्व गृहमंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन को भी मौत की सजा दी है। वहीं इस फैसले को शेख हसीना ने पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया है। शेख हसीना ने कहा कि अंतरिम सरकार द्वारा उनके खिलाफ मौत की सजा की सिफारिश इस बात का संकेत है कि अंतरिम सरकार के चरमपंथी तत्व बांग्लादेश की अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को समाप्त करना चाहते हैं और साथ ही अवामी लीग को एक राजनीतिक शक्ति के रूप में खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।

‘अल्लाह ने मुझे जिंदगी दी है और वो इसे छीन भी लेगा लेकिन…’, कोर्ट के फैसले से पहले बोलीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना

शेख हसीना ने दावा कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की हिंसक कार्यशैली से जूझ रहे लाखों बांग्लादेशी इन नाटकीय मुकदमों से भ्रमित नहीं होंगे। शेख हसीना के अनुसार ICT के ट्रायल न तो न्याय दिलाने के लिए थे और न ही जुलाई–अगस्त 2025 की घटनाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए है।

शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के शासन में, सार्वजनिक सेवाएं चरमरा गई हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं और महिलाओं के अधिकारों का दमन किया जा रहा है। वहीं शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने कहा कि उन्हें मौत की सजा देने का आह्वान अंतरिम सरकार के भीतर चरमपंथी लोगों की निर्लज्ज और उनके जानलेवा इरादे को उजागर करता है।