देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (3 मार्च) को उत्तराखंड के देहरादून में शहीदों की मां को सम्मानित किया, उनके पैर छूए और गले मिले। मौका था हाथीबड़कला स्थित सर्वे ऑडिटोरियम में आयोजित शौर्य सम्मान समारोह का। यहां शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची रक्षा मंत्री ने सबसे पहले अमर स्मृति चिन्ह को नमन किया। इसके बाद सम्मानित करने का कार्यक्रम शुरू हुआ।

जब एक शहीद की मां स्टेज पर पहुंची तो रक्षा मंत्री ने सबसे पहले उन्हें बुके दी। फिर कंधे पर शॉल रखा और झुंककर उनके पैर छूए। इसी दौरान अन्य शहीदों की मां को भी इस तरीके से सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री उनसे गले भी मिलीं। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) के लागू होने के तीन वर्ष पूरे होने पर इस साल उसकी समीक्षा की जाएगी और अगर कहीं कोई कमी पाई गई तो उसे दूर किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक वन रैंक वन पेंशन के तहत 35 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। अंतरिम बजट में भी प्रतिवर्ष 8 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के शहीदों की पत्नियों और माताओं से मिलकर उन्हें प्रेरणा मिलती है। सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े रहते हैं। सेना को जो भी काम दिया जाता है, उन्होंने उसे सफलतापूर्वक पूरा किया।” उन्होंने आगे कहा, “किसी भी तरह की समस्या हो तो सैनिक उनसे सीधे बात कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें न तो समय लेने की जरूरत है और न हीं किसी प्रकार से झिझकने की। सीमा की सुरक्षा और जवानों के सम्मान से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति स्पष्ट है। सैनिक और पूर्व सैनिकों के सम्मान के को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।”

समारोह में रक्षा मंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बिना कहा, “वे 50 साल से बोलते आ रहे हैं, लेकिन किया कुछ नहीं। हमनें पांच सालों में कर दिखाया। नेशनल वार मेमोरियल की स्थापना, दिव्यांगता मामले में कोर्ट में अपील न करने जैसे फैसले हमारी सरकार में लिए गए। आज कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार कर रहे हैं। सैनिकों और उनके परिजनों को मैं यह कहना चाहती हूं कि वे ऐसे लोगों के झांसे में न आएं।”