केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक इस सूची में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (CBIC) के प्रिंसिपल कमिश्नर, कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर और डेप्यूटी कमिश्नर शामिल हैं। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में भी ऐसा ही कदम केंद्र सरकार ने उठाया था। उस दौरान इनकम टैक्स विभाग के उन 12 वरिष्ठ अधिकारियों को रिटायरमेंट दे दी गई, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे।
जून माह की शुरुआत में जिन 12 लोगों को रिटायरमेंट दी गई, उनमें जॉइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी भी शामिल थे, जिन पर उद्योगपतियों को ब्लैकमेल करके पैसे की उगाही का आरोप था। इनके अलावा नोएडा में बतौर कमिश्नर तैनात आईआरएस अधिकारी के खिलाफ भी महिला आईआरएस अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें रिटायर कर दिया गया।
Government of India compulsorily retires 15 very senior officers of the ranks of Principal Commissioner, Commissioner, Additional Commissioner, & Deputy Commissioner of Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) today, under Rule 56 (j) pic.twitter.com/GumYFZkgRr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
एक दूसरे मामले में भी आईआरएस अधिकारी को जबरन रिटायरमेंट दी गई। अधिकारी और उसके परिवार के नाम पर 3.17 करोड़ रुपये की चल एवं अचल संपत्ति थी। आरोप लगे कि अधिकारी ने यह संपत्ति अपने अधिकार के गलत इस्तेमाल से हासिल की थी।
क्या है नियम 56: वित्त मंत्रालय के नियम 56 के तहत 30 तक सर्विस कर चुके 50 से 55 वर्ष की उम्र के अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा सकता है। यह नियम काफी पहले से लागू था लेकिन पहली बार इसका इस्तेमाल नरेंद्र मोदी की सरकार में किया गया। कुछ दिनों पहले भी 12 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया था और अब 15 अधिकारियों को रिटायर किया गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र की मोदी सरकार आने वाले दिनों में कई और वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे सकती है।
वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद पहली बार मोदी सरकार ने वित्त मंत्रालय के नियम 56 का प्रयोग करते हुए सुस्ती दिखाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था। इस नियम के तहत गजटेड (राजपत्रित) अधिकारी जैसे आईएएस, आईपीएस और ग्रुप ए के अधिकारियों के साथ ही नॉन-गजटेड (गैर-राजपत्रित) अधिकारियों को भी जबरन सेवानिवृति दी जा सकती है।