वाराणसी: कपड़ा क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुनकरों से कहा कि वे वैश्विक उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए ई-कामर्स के बढ़ते बाजार का उपयोग करें।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सहकारी बैंकों के पुनरूत्थान के लिए 2,375 करोड़ रूपये के एक पैकेज की भी घोषणा की जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के बैंक भी शामिल हैं।
सत्ता संभालने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र के पहले दौरे पर आए मोदी ने बुनकरों के लिए व्यापार केंद्र की आधारशिला रखने के बाद कहा, ‘‘ई-कारोबार बढ़ रहा है। वैश्विक बाजार में अवसर हैं।’’
मंदिरों का यह प्राचीन शहर अपने रेशमी कपड़ों के लिए मशहूर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनकरों के लिए देश और विदेश दोनों जगह विशाल बाजार है और कपड़ा क्षेत्र बेहद गरीब लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2,375 करोड़ रूपये के एक पैकेज की पेशकश करने का फैसला किया है। यह रकम उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के बैंकों के पुनरूत्थान में भी उपयोग की जा सकेगी।’’
गौरतलब है कि पांच नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में 23 गैर लाइसेंसी जिला केंद्रीय सहकारी बैंको के पुनरूद्धार पैकेज मंजूर किया था जिसमेें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिले के बैंक शामिल हैं।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीति इस पैकेज के दायरे से बाहर रखी जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि ‘‘वित्तीय रूप से अव्यवहारिक हो कर हाल ही में बंद हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिला सहकारी बैंकों को 2,375 करोड़ रूपये की एक केंद्रीय सहायता से पुनरूत्थान किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें क्षु्रद राजनीति को किनारे रखते हुए इन बैंकों का पुनरूत्थान करना है। आखिर कार इन संस्थानों का संचालन सभी राजनीतिक धाराओं के लोगों की भागीदारी से किया जाता है।’’
तकरीबन आधे घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री ने दुख जताया कि बजट में घोषित ये परियोजनाएं ‘‘जमीन की कमी के चलते शहर से बहुत दूर’’ बनाई जा रही हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हमने उत्तर प्रदेश सरकार से शहर से लगी जमीन मांगी थी, लेकिन वह नहीं मिल सकी। इसलिए हमें इस जगह पर संतोष करना पड़ा।’’
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी कि व्यापार केंद्र एवं दस्तकारी संग्रहालय ‘‘देश या दुनिया के किसी भी हिस्से से वाराणसी आने वाले हर एक लोगों के लिए आकर्षण का एक केंद्र बने।’’
प्रधानमंत्री ने स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव बनाते हुए कहा, ‘‘शहर की एक गौरवशाली विरासत है जिसकी कोई मिसाल नहीं है। मुझे यकीन है कि देश की सबसे गरीब औरत ने भी अपनी बेटी को शादी के तोहफे में बनारसी साड़ी देने का सपना देखा होगा।’’