Pehlu Khan lynching: राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के शक में पहलू खान की हुई हत्या के मामले में राजस्थान कोर्ट ने छह आरोपियों को बरी कर दिया है।  1 अप्रैल 2017 को कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा पहलू खान की जमकर पिटाई की गई जिसके दो दिन बाद पहलू खान की मौत हो गई थी। पहलू खान की हत्या के मामले में न्यायालय ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। इस मामले में कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। राजस्थान एडिशनल मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने कहा है कि राज्य सरकार फैसले के खिलाफ अपील करेगी।

अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाणा ने अलवर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय (संख्या एक) के बाहर संवाददाताओं को बताया, ‘‘अदालत ने छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘फैसले की प्रति अभी हमें नहीं मिली है। फैसले का अध्ययन करने के बाद हम निश्चित रूप से उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।’’ न्यायाधीश डॉ सरिता स्वामी ने सात अगस्त को दोनों पक्षों की बहस और अंतिम जिरह सुनने के बाद अपना फैसला बुधवार के लिए सुरक्षित रख लिया था।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में कुल नौ आरोपियों में तीन नाबालिग हैं, जिनका मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है।बालिग आरोपियों में विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार और भीम राठी शामिल थे, जिन्हें अदालत ने बरी कर दिया। बचाव पक्ष के वकील हुकुम चंद शर्मा ने अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, ‘‘यह उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो इस मामले की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे थे।’’वहीं, पहलू खान पक्ष के वकील कासिम खान ने कहा, ‘‘ अदालत के फैसले की प्रति मिलने के बाद हम इसका अध्ययन करेंगे और आगे अपील करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।’’पहलू खान के बेटे इरशाद ने कहा कि वह अदालत के इस फैसले से खुश नहीं हैं और आगे अपील करेंगे।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सरिता स्वामी इस मामले की सुनवाई कर रही थी। दोनों पक्षों की तरफ से इस मामले की बहस सात अगस्त को पूरी हो गई थी। इससे पहले इस मामले में सबूत के आधार पर छह लोगों को क्लिन चिट दे दी गई थी। फैसले से पहले पहलू खान के परिवार के तरफ से जिरह कर रहे वकील कासिम खान ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा की उम्मीद लगाई थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले को लेकर राजनीतिक दवाब है लेकिन हम आरोपियों के लिए आजीवन कारावास की सजा की उम्मीद करते हैं।

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गौरतलब है कि एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूह मेवात के जयसिंहपूरा गांव निवासी पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ पशु खरीदकर  अपने घर को लौट रहे थे। इस दौरान अलवर के बहरोड़ पुलिया के समीप  भीड़ ने गाड़ी रुकवाई और उन लोगों से मारपीट की। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और  हलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया इलाज के दौरान पहलू खान  ने चार अप्रैल  2017 को दम तोड़ दिया था।