MNS Chief Raj Thackeray: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के चीफ राज ठाकरे ने रविवार को बड़ा बयान दिया। ठाकरे ने सरकार को आगाह किया कि अगर वे मराठी भाषा के संरक्षण के लिए कुछ काम करते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।

रविवार को पुणे में विश्व मराठी सम्मेलन में बोलते हुए राज ठाकरे ने मंत्री उदय सामंत को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हम मराठी भाषा को बचाने के लिए सब कुछ करेंगे। लेकिन अगर हम कुछ खास काम करते हैं, तो हमारे खिलाफ केस दर्ज नहीं किए जाने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “जब भी हम मराठी भाषा के लिए कुछ करते हैं, हमारे खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। लेकिन हम मराठी भाषा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करते रहेंगे।”

मराठी भाषा और ‘मराठी मानुष’ के भविष्य को खतरे में बताते हुए ठाकरे ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में, भले ही आप भारतीय नागरिक हों, आप ज़मीन नहीं खरीद सकते। लेकिन महाराष्ट्र में , कोई भी आकर हमारी ज़मीन छीन सकता है। अगर हमारे अपने लोग अपनी ही ज़मीन पर बेघर हो रहे हैं, तो हम इसे प्रगति नहीं कह सकते।”

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मनसे प्रमुख ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को मराठी में बोलना सिखाएं। उन्होंने कहा, “हमें अपने बच्चों को मराठी में बोलना और मराठी में सोचना सिखाना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे एक-दूसरे से हिंदी में बातचीत करते हैं… अगर हम अपनी भाषा का सम्मान नहीं करेंगे, तो दूसरे ऐसा क्यों करेंगे?”

राज ठाकरे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे हमारे राष्ट्रीय नायकों को जाति के दायरे में न बांधें। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रीय नायकों को जाति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। वे सभी के हैं। महाराष्ट्र को जातियों की संकीर्ण मानसिकता से बाहर आना चाहिए।

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